खबर लहरिया जिला बनारसी साड़ियों की चमक, बिजली बिना फीकी पड़ी

बनारसी साड़ियों की चमक, बिजली बिना फीकी पड़ी

वाराणसी में एक तरफ बुनकरों पर कोविड के मार का उसर तो दूसरी तरफ पावर लूम का फ्लाइट रेट न मिलने से बुनकरों ने दो महीने पहले धरना प्रदर्शन भी किया। सरकार की तरफ से आश्वासन मिलने के बाद हटवा दिया लेकिन अभी तक इनकी मांगे पूरी नहीं हुई। बुनकरों का कहना है कि हम लोग परिवार के सभी सदस्य यही काम करते हैं इसके अलावा हमारे पास कोई रोजगार नहीं है।

कोविड के दौरान हमारी स्थिति बहुत खराब हो गयी थी घर चलाने के लिए एक पैसा नहीं था पावर लूम भी बन्द हो गया था और ऐसे में किसी तरह से गुजारा हुआ पर सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं ना ही आश्वासन। यह पूछने पर आप लोगों का काम कब से बन्द है और क्यों बुनकरों का कहना है कि कोविड से ही बन्द पड़ा है।

 

सरकार के द्वारा सबसिडी खत्म कर देने से पावर लूम का फ्लाइट रेट ज्यादा आ रहा है इस लिए काम को बन्द करना पडा. एक महीने मे पांच से लेकर 100000तक का बिल आ जाता है और एक महीने सिर्फ हमारी हज़ार रुपये मजदूरी निकलती है तो हम बिजली का बिल कैसे भरेगे। हम लोगो ने बिजली विभाग से लेकर सब विभाग पर कोई सुनवाई नहीं हो ने से जिला पर धरना पर बैठे।

फिर सरकार ने हमारी मांगे को लेकर आश्वासन देने पर धरना समाप्त कर दिया गया,लेकिन दो महीने बीतने के बाद भी कोई सुनवाई और हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम लोग अब फिर से मजबूर हो गये हैं | हम लोगों के पास स्थिति बहुत खराब हो गयी है अब लोग फिर से एक जुट हो कर धरना प्रदर्शन करेंगे और जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती तब धरना चलता रहेगा।

बुनकरों का कहना है कि हमारे यहाँ से जीत गये हैं प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी पर अभी तक हमारे बुनकरों भाई से एक साड़ी नहीं खरीदे हैं. उनका कहना है कि सूरत के बाद बनारस आता है वस्त उधोग में और संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद हम लोगों के पास एक बार भी मोदी जी नहीं आये।