ओडिशा के बालासोर जिले में जिस 20 साल की छात्रा ने अपने कॉलेज के सामने खुद को आग लागई थी। भुवनेश्वर एम्स अस्पताल में कल सोमवार 14 जुलाई 2025 को उसकी मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए बालासोर भेज दिया गया है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी फकीर मोहन विश्वविद्यालय की छात्रा के माता-पिता और परिवार के सदस्यों से मिलते हुए। छात्रा ने बालासोर के विश्वविद्यालय परिसर में खुद को आग लगा ली थी। फ़ोटो साभार: द हिन्दू
ओडिशा के बालासोर जिले में 20 साल की छात्रा जो कि फकीर मोहन स्वायत्तशासी महाविद्यालय में बीएड प्रोग्राम कर रही थी। छात्रा ने 1 जुलाई को कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति में शिकायत दर्ज कराई थी। छात्रा का आरोप था कि विभागाध्यक्ष समीर कुमार साहू ने इसके साथ कथित तौर पर यौन हिंसा, मना करने पर उसका शैक्षणिक रिकॉर्ड खराब करने की धमकी दी थी। छात्रा के उसके परिवार का दावा है कि शिकायत के बाद कॉलेज प्रशासन की ओर से छात्रा पर शिकायत वापस लेने का दबाव भी डाला गया था।
इंसाफ न मिलने पर खुद को लगाई आग
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार छात्रा ने शनिवार 12 जुलाई, 2025 को कॉलेज में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रिंसिपल के कार्यालय के बाहर खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली थी। जानकारी के अनुसार उसका शरीर का लगभग 95 % हिस्सा जल गया था। इसके बाद छात्रा को ओडिसा के भुवेनश्वर एम्स में इलाज के लिए भर्ती किया गया। हालत गंभीर होने की वजह से उसकी कल रात करीब 11.46 बजे सोमवार को मौत की खबर सामने आई।
छात्रा की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन
छात्रा की मौत की खबर आने के बाद आज 15 जुलाई 2025 को सुबह कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने AIIMS के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
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मौत की खबर सुनकर एम्स, भुवनेश्वर परिसर में उपमुख्यमंत्री पार्वती परिदा और कई भाजपा विधायक अंतिम दर्शन के लिए पहुँचे थे।
आरोपी निलंबित और गिरफ्तार
छात्रा के साथ कई और छात्र भी प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रा के आग लगने के अगले दिन 13 जुलाई को प्रदर्शन तेज़ हो गया और आरोपी शिक्षक समीर कुमार साहू को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया। इसके साथ ही कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष को निलंबित कर दिया गया।
मामले की जाँच जारी
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने मृतक के परिवार को आश्वासन दिया कि इस मामले में सभी दोषियों को सख्त सजा मिलेगी। इसके साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है। ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा की महिला एवं बाल अपराध शाखा इस मामले की अलग से जाँच कर रही है।
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