राममंदिर और बाबरी मस्जिद फैसले को लेकर देश की जनता इंतज़ार कर रही है। सरकार और प्रशासन भी पूरी तैयारी में है। क्योंकि जिस तरह की अफवाहें शोसल मीडिया में चल रही है उससे लोग सहमें हैं। पुलिस प्रशासन पीस कमेटी की बैठकें लगातार कर रही है। सोशल मीडिया में चल रही अफवाहों के प्रति जागरूकता कर रहे हैं गांव गांव जाकर। हमने इस पर उत्तर प्रदेश के कई जिलों से कवरेज किया। हिन्दू मुश्लिम सभी समुदाय के लोगों से उनकी राय और विचार जानने की कोशिश करी| उनमे से कुछ लोग बहुत खुश हैं और कुछ लोग मायूस भी। मायूस का राज उन्होंने खुल कर नहीं बताया पर ये कह गए कि राममंदिर और बाबरी मस्जिद का फैसला कोई भी हो बस इस झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। वहीँ लोगों के दिलों में किसी भी प्रकार के दंगों और झगड़ों को लेकर खौफ़ भी है | राममंदिर और बाबरी मस्जिद के झगड़ें की शुरुआत 21 अक्टूबर 1949 में हुई थी लेकिन इतने सालों के बाद भी इसका फैसला नही आ पाया है अब लोगों का कहना है फैसला किसी के भी पक्ष में आये बस अमन और शांति बनी रहे | राममंदिर और बाबरी मस्जिद फैसला आने से पहले ही मध्यप्रदेश के कई जिलों में धारा 144 लागू हो गई है | सोशल मीडिया पर भी शिकंजा कसते हुए आपत्तिजनक, भड़काऊ, किसी संप्रदाय विशेष को टार्गेट करते संदेश, तस्वीर, वीडियो पोस्ट करने पर प्रतिबंध लगा दिया है| इन सारे उपायों के अलावा प्रशासन ने एक खास तैयारी की है, जिसमें अहम भूमिका होगा आशा कार्यकर्ता, एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और पटवारियों की जो सुनिश्चित करेंगे कि राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे | उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में पीस कमेटी की बैठक हुई जिसमे लोगों को बस यही अपील की है आप लोग किसी भी प्रकार के भड़काऊ संदेशों से प्रभावित न हों अपने अपने इलाकों में शांति बनाएं रखे इसी में हर समुदाय की भलाई है क्यूंकि इससे सिर्फ जान माल की हानि ही है | अयोध्या के चप्पे-चप्पे पर ड्रोन से नज़र रखी जा रही है और बड़े पैमाने पर फोर्स तैनात की गई है | यूपी के तमाम जिलों में पुलिस को दंगा काबू करने की ट्रेनिंग दी जा रही है |जनता से अपील की है कि अयोध्या के मामले में सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ जो भी निर्णय करे, उसे सबको धैर्य और शांति के साथ स्वीकार करना चाहिए|