जिला अयोध्या, ब्लाक मया, ग्राम सभा समन्था और पकरेला मधुमक्खी पालन से लोगों को काफी फायदा हो रहा है। मधुमक्खी पालन से लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार भी आ रहा है। पकरेला और समंथा ग्राम सभा में बड़े पैमाने पर मधुमक्खी पालन किया जा रहा है जहां पर लोगों को सिखाया भी जाता है कि कैसे इसका देखरेख और रखरखाव करना चाहिए। बिहार से चलकर लवली संस्था द्वारा लोगों को यहां सिखाया जा रहा है। जिससे लोगों में काफी उत्सुकता देखने को भी मिल रहे हैं क्योंकि कम लागत में और नगद राशि भी मिलता है। किसानो के फसल पर कीट पतंगे लगते हैं मधुमक्खी के भरण से नष्ट हो जाते हैं।
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किसानों के खेतों में जो जानवर,बंदर या नीलगाय फसल खा जाते हैं मधुमक्खियों की वजह से बहुत कम लगने लगे हैं। मधुमक्खी पालन से लोगों को राहत मिली है शहद से कई प्रकार की हनी दवाइयां भी बनती हैं जिससे कैंसर,सर्दी, दमा आदि में उपयोग किया जाता हैं। कुछ बीमारियों में तो लोगों को मधुमक्खी का डंक भी लगाया जाता है आसपास के लोग भी मधुमक्खी पालन के लिए उत्सुकता बढ़ रहे हैं। ब्लॉक प्रोग्राम अधिकारियों के माध्यम से भी यहां पर लोग गति विधियों को समझने के लिए आते रहते हैं तंदुरुस्ती के जैसे दूध,पीते हैं लोग वैसे शहद खाना चाहिए।
अनन्त सिंह किसान अंबेडकरनगर ने कहा कि हम एक किसान है हमारे आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं रहती तो हम इस तरह के व्यवसाय को सीख कर करना चाहते हैं। जिससे हमारे जैसे और किसान भाइयों का मद्दत कर पायेंगे बहुत ज्यादा लागत भी नहीं लगानी होगी हम छोटे पैमाने से जिसका खर्च चार हजार से शुरू किया जा सकता हैं फिर जैसे बढ़ाते जाएंगे उतना खर्चा आयेगा। एक किलो शहद कि क़ीमत छह सौ रुपए है एक बाक्स में पांच किलो शहद निकलता है। एक जगह पर तीन सौ बाक्स लगाया है।
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