एक तरफ हमारा समाज बराबरी के हक की बात करता है बेटियों को आगे बढ़ाने की बात करता है। यहाँ तक की बेटियों के लिए कई तरह के अभियान भी चलाए जा रहे हैं लेकिन आज हम जिन लड़कियों से बात करने जा रहे हैं उनकी नजर में अभी भी हमारा समाज लड़कियों को बराबरी का हक़ देने में बहुत पीछे है। तो आइये बात करते हैं उन लड़कियों से जो समाज की रुढ़िवादी सोच से जूझ रही है।
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जब हम स्टोरी मे गांव की लड़कियों से बात किया तो उन्होंने हमें बताया हम इंटर तक पढ़ाई कर लेते हैं लेकिन इसके बाद हमें स्मार्टफोन नहीं मिलता है आगे पढ़ने के लिए। क्यों नहीं दिया जाता आप लोगों को फोन जब मैंने पूछा तो अधिकांश लड़कियों का यही रिप्लाई था की गांव की जो सोच है लोगों की घरवाले और गांव के लोगों का कि अगर लड़कियों को फोन दोगे तो वह खराब हो जाएंगी। बिगड़ जाएंगी। जबकि ऐसा नहीं है अगर लड़कियों को थोड़ी सी गांव में आजादी मिले फोन मिले तो वह आगे की जो तैयारी करना चाहती हैं उसमें उन्हें सफलता मिल सकती है।
अगर हम बात करें लड़कों की तो लड़कों को तो आसानी से 9th से ही उनको फोन दे दिया जाता है चाहे वह जैसा उसका यूज़ करें। उनको हर जगह जाने के लिए भी छोड़ दिया जाता है। जबकि लड़कियों के लिए हमेशा रोक रोक दिया जाता है। हर क्षेत्र में लड़कियां अपना परचम लहरा रही है लेकिन अभी हमारे जो गांव में रुढ़िवादी सोच है इसके चलते लड़कियों का सपना टूट जाता है।
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