यूपी के आयोध्या जिले के तारुन ब्लॉक के लोगों की शिकायत है कि उनके गाँव में बिजली का कनेक्शन तो है पर बिजली नहीं है पर बिल आ जाता है।
प्रदेश सरकार द्वारा हर बार, हर चुनाव से पहले विकास के चुटकुले ग्रामीणों को सुनाये जाते हैं। ग्रामीणों से कहा जाता है कि उन्हें बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। जिसकी उम्मीद से ग्रामीण उन्हें वोट देते हैं। वह सोचते हैं कि अब शायद उनकी किस्मत का सितारा चमकेगा और उनके जीवन में भी रोशनी आएगी पर उनकी ये आस हर बार टूट जाती है।
हम बात कर रहे हैं यूपी के अयोध्या जिले के तारुन ब्लॉक की। जहां नाम के लिए गाँव में बिजली का कनेक्शन तो लगा हुआ है पर बिजली नहीं आती।
शिकायत भी की पर बिजली नहीं आयी
जिला अयोध्या ब्लॉक तारुन, गाँव बीरापुर में रहने वाले लोगों की शिकायत है कि ‘ बिजली का बिल तो आता है पर गाँव में बिजली ही नहीं है।’ लोगों का कहना है कि गाँव में बिजली के खंभे लगे हुए हैं, घरों में मीटर भी लगा हुआ है लेकिन बिजली का नामोनिशान नहीं है।
ग्रामीण कहते हैं कि वह ब्लॉक और तहसील जाकर शिकायत भी कर चुके हैं। आश्वाशन मिलने के बावजूद भी गाँव में बिजली नहीं आयी है। रामप्रकाश कहते हैं,’अब निराश हताश होकर बैठ गए हैं क्या ही कर सकते हैं।’
ग्रामीणों की समस्या
गांव के लोगों ने बताया कि उनके गांव में खंभे गिर गए हैं। यहां तक की घर-घर मीटर भी लग गया है लेकिन अभी तक गांव में लाइट नहीं आई है। कई बार उन लोगों ने शिकायत भी की पर उन लोगों की सुनवाई नहीं हुई।
मोबाइल चार्ज करना होता है तो लोगों को 2 से 3 किलोमीटर चलकर दूसरे गाँव में जाना पड़ता है। महिलायें अँधेरा होने से पहले खाना बना लेती हैं। इस समय बारिश का मौसम है और लाइट ना होने से लोगों को कीड़े-मकोड़ों का भी डर लगा रहता है कि कहीं खाना बनाते समय खाने में कुछ ना गिर जाए। इसी वजह से महिलायें अंधेरा होने से पहले ही खाना बना लेती हैं।
लोग कहते हैं कि अब तो क्रोसिन का तेल भी नहीं मिलता जलाने के लिए। आपको बता दें, क्रोसिन का तेल आमतौर पर ग्रामीण लोग अपने घरों को रौशन करने के लिए इस्तेमाल किया करते थे और आज भी कई जगह कर रहे हैं। इसके तेल को लोग लैंप में डालकर अँधेरे को दूर करते थे।
गांव के लोगों ने बताया पिछले चार साल से बिजली का बिल 5 हज़ार आ रहा है। लोग कहते हैं कि जब उन्होंने बिजली का इस्तेमाल ही नहीं किया तो वह बिजली का बिल क्यों भरें।
लोगों ने बताया कि बिजली विभाग के लोग आते हैं और उनसे बिजली के बिल को जमा करने के लिए कहते हैं। लेकिन वह लोग न तो कोई पर्ची दिखाते हैं और ना ही कोई कागज़। इसी वजह से उन्होंने अभी तक कोई भी बिल नहीं भरा है।
गाँव के बच्चों की क्या है शिकायतें?
अर्जुन, वीरपुर गाँव में रहता है। वह इस समय 11 वीं कक्षा में है। अर्जुन का कहना है कि, ‘बिजली विभाग में कई बार शिकायत करने पर भी गाँव में बिजली नहीं आयी। इस बार लॉकडाउन की वजह से तो पास हो गया लेकिन बिजली नहीं है तो पढ़ाई कैसे करें।’
गांव में काफी बच्चे हैं जो पढ़ाई करते हैं। बिजली ना होने की वजह से उन्हें पढ़ने में बहुत सारी दिक्कतें आ रही हैं, ना तो उनका फोन चार्ज हो पाता है और ना ही पढ़ाई हो पाती है।
सीमा का कहना है, ‘मैं इस बार क्लास 12 में गयी हूं और ऑनलाइन ही पढ़ना होती है लेकिन बिजली की वजह से पढ़ाई नहीं हो पा रही है। बहुत ही दिक्कत है। गाँव वाले किससे कहे, बिजली विभाग तो सुनता ही नहीं। लोग मन ही मन में विभाग को गालियां देकर चुप हो जाते है।’
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समस्या का नहीं है पता – बिजली विभाग अधिकारी
इस मामले को लेकर खबर लहरिया ने बिजली विभाग के अधिकारी से भी बात की। ब्लॉक तारुन केला खां के जेई प्रमोद कुमार मौर्य का कहना था कि उन्होंने बिजली की समस्या से जुड़ा हुआ कोई भी मामला नहीं सुना है। अगर बिजली की कोई समस्या है तो वह गाँव में कर्मचारियों को भेजकर बिजली की व्यवस्था ठीक करवाएंगे और बिजली की आपूर्ति की जाएगी।
ग्रामीणों द्वारा लगातार ब्लॉक और तहसील में बिजली की समस्या को लेकर शिकायतें दर्ज़ करवाई गयी। इसके बावजूद भी किसी ने कोई सुध नहीं ली। वहीं बिजली विभाग के अधिकारी को यह भी नहीं पता कि उनके विभाग से लोगों को बिजली के बिल तो भेजें जा रहे हैं पर बिजली नहीं दी जा रही। यह सब जितना अटपटा है उतना ही पेचीदा भी। सवाल यह है कि अधिकारी द्वारा ब्लॉक और तहसील स्तर के कर्मचारियों पर समस्या को नकारने को लेकर कार्यवाही की जाती है या नहीं? साथ ही ग्रामीणों को कब तक बिजली की व्यवस्था मुहैया कराई जाती है?
इस खबर की रिपोर्टिंग खबर लहरिया के लिए कुमकुम यादव द्वारा की गयी है।
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