सहजनी शिक्षा केंद्र, महरौनी जिला ललितपुर में 8 अगस्त से 12 अगस्त तक ग्रामीण महिलाओं को हिंसा के रूप क्या होते हैं का प्रक्षिक्षण दिया गया जिसमें लगभग 32 महिलाओं ने हिस्सा लिया। सहजनी कार्यकर्ता कुसुम ने बताया कि ये पांच दिवसीय प्रसिक्षण रखने का उद्देश्य है। ग्रामीण महिलाओं को हिंसा के प्रति जागरूक करना, ग्रामीण महिलाओं को ये जानकारी ही नहीं होती की थप्पड़ मारना हिंसा है, ताने देना हिंसा है, खाना न देना हिंसा है।
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उन्हें लगता है कि हमारा नसीब है, ये यही हमारे लिए है, सहना ही होता है। हम महिलाओं को ये जानकारी इसलिये दे रहे हैं ताकि महिलाएं जागरूक हो, हिंसा के खिलाफ आवाज उठाएं। हिंसा करना और सहना दोनों हिंसा है और आवाज न उठाना ये भी एक घटना को अंजाम देता है। इसीलिए ये कार्यशाला आयोजित की गयी है जिससे महिलाओं का मनोबल बढ़े और वह अपने साथ हो रही हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठाने के सक्षम हो।
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