असम बाढ़ से अभी तक 22 लाख लोग प्रभावित है वहीं बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की कुल संख्या अब 126 हो गई है।
असम में बाढ़ की स्थिति में रविवार को कुछ हद तक सुधार देखा गया। सोमवार, 28 जून को ज़ारी आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, 25 जिलों में 5 और लोगों की मौत हो गयी है वहीं अभी भी 22 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
वहीं कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां अभी भी पानी भरा हुआ है और उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जलभराव की वजह से उन क्षेत्रों में बिजली नहीं है, लोगों को खाने-पीने की समस्या हो रही है। वहीं इसी बीच कई संगठन व ऑनलाइन कैंपेन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को मदद पहुंचाने की कोशिश ज़ारी है। देखें तो राज्य सरकार भी अपनी तरफ से लोगों को मदद पहुंचाने की ज़ोर लगा रही है।
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असम में बाढ़-भूस्खलन से 126 की मौत
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के दैनिक बुलेटिन के अनुसार दिन के समय जिले के अलग-अलग क्षेत्रों बारपेटा, कछार, दरांग, करीमगंज और मोरीगांव में चार बच्चों समेत पांच लोग डूब गए हैं। इसके अलावा दो जिलों में दो लोगों की लापता होने की खबर है।
इसके साथ ही राज्य में इस साल आई बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की कुल संख्या अब 126 हो गई है।
असम के सबसे ज़्यादा बाढ़ प्रभावित जिले
बारपेटा 7 लाख प्रभावित लोगों के साथ सबसे ज़्यादा बाढ़ के चपेट में आने वाला जिला है जिसके बाद नागांव में 5.13 लाख लोग और कछार में 2.77 लाख से अधिक लोग बाढ़ की वजह से संकट में हैं।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के दैनिक बुलेटिन में बताया गया कि बाजाली, बक्सा, बारपेटा, कछार, चिरांग, दरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलपारा, गोलाघाट, हैलाकांडी, नलबाड़ी, सोनितपुर, दक्षिण सालमारा, तामूलपुर और उदलगुरी जिलों में बाढ़ की वजह से 22,21,500 से अधिक लोग अभी तक प्रभावित हो चुके हैं।
इण्डिया टीवी की 27 जून की प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया कि शनिवार तक 24 जिलों में 25 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित थे।
असम के सीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार, 27 जून को कछार में सिलचर और कामरूप में हाजो का दौरा किया। साथ ही राहत और बचाव कार्यों में शामिल एजेंसियों को अपनी पहुंच बढ़ाने और जल्द से जल्द मदद सुनिश्चित करने के निर्देश ज़ारी किए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिलचर शहर एक सप्ताह से बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है। वहीं सीएम ने यह स्वीकार किया कि प्रशासन अभी तक सभी फंसे हुए लोगों तक नहीं पहुंच पाया है।
“हम इससे इनकार नहीं कर रहे हैं,” सीएम ने कहा। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को एक-दूसरे के लिए खड़े होने की अपील की और सिलचर में मदद करने वाले समूहों और व्यक्तियों के कामों की सराहना की।
सीएम ने आगे कहा कि “प्रशासन का 50 प्रतिशत काम” परोपकारी संगठनों और लोगों द्वारा किया जा रहा है।
असम बाढ़ में डूबे गांव व फसलें
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि वर्तमान में 2,542 गांव पानी में डूबे हुए हैं। वहीं पूरे असम में बाढ़ की वजह से 74,706.77 हेक्टेयर फसल क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारी 23 जिलों में 680 राहत शिविर और वितरण केंद्र संचालित कर रहे हैं। इन राहत शिविरों में 61,878 बच्चों सहित 2,17,413 लोग शरण ले रहे हैं।
24 घंटे में 1,912 लोगों को किया गया सुरक्षित
बुलेटिन में कहा गया है कि सेना, अर्धसैनिक बल, एनडीआरएफ, नागरिक प्रशासन, प्रशिक्षित स्वयंसेवकों, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं के कर्मियों और स्थानीय लोगों ने पिछले 24 घंटों में राज्य के अलग-अलग बाढ़ प्रभावित हिस्सों से 1,912 लोगों को बाहर निकाला है।
जानवर सहित बुनियादी ढांचों हुए क्षतिग्रस्त – असम
एएसडीएमए ने कहा कि कई जिलों में बाढ़ के पानी की वजह से तटबंधों, सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचों को बेहद ज़्यादा नुकसान पहुंचा है।
आगे बताया गया कि 15 जिलों में बाढ़ से कुल 15,90,557 घरेलू जानवर और पोल्ट्री (मुर्गी पालन) प्रभावित हुए हैं।
वहीं केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन का हवाला देते हुए एएसडीएमए ने कहा कि धरमतुल में कोपिली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
असम में आई बाढ़ को एक महीने से ज़्यादा बीत चुके हैं लेकिन स्थिति अभी भी सामान्य नहीं हुई है। हालाँकि, यह कहा गया कि समस्या पहले से थोड़ी बेहतर है लेकिन अभी भी कई लोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हुए हैं जिन तक मदद नहीं पहुँच पायी है और यह बात असम के सीएम ने भी मानी है। वहीं कई जिले व क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ जलभराव पहले की तरह ही बना हुआ है। ऐसे में राज्य को इस आपदा से निपटने और लोगों को राहत देने में और कितना समय लगेगा, यह कहा नहीं जा सकता।
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