खबर लहरिया Blog अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र पुलिस ने किया गिरफ्तार, मंत्रियों ने इस कदम को कहा ‘आपातकालीन जैसा दृश्य ‘

अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र पुलिस ने किया गिरफ्तार, मंत्रियों ने इस कदम को कहा ‘आपातकालीन जैसा दृश्य ‘

arnub gosswami arrested by maharastra police

रिपब्लिक टीवी चैनल के मुख्य सम्पादक और मालिक अर्नब गोस्वामी को आज बुधवार को महाराष्ट्र पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। अर्नब को उसके ही घर से सुबह छह बजे गिरफ्तार किया गया। पूरे मामले को गुप्त रखा गया था। अर्नब ने पुलिस पर गंभीर लगाते हुए कहा है कि पुलिस ने उनके साथ-साथ घर के अन्य सदस्यों सास-ससुर, बेटे और पत्नी के साथ भी मारपीट की है। पुलिस ने कहा कि आईपीसी की धारा 306 के तहत अर्नब की गिरफ्तारी के लिए उन्हें अरेस्ट वॉरंट की जरूरत नहीं थी। पुलिस ने कहा कि 2018 के इंजीनियर की आत्महत्या के मामले में अर्नब का हाथ है। अर्नब को इस समय पूछताछ के लिए रायगढ़ पुलिस स्टेशन लेकर जाया गया है।

रिपब्लिक टीवी ने अर्नब के घर की लाइव तस्वीरें दिखाई

रिपब्लिक टीवी ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद उनके घर की सीसीटीवी की फुटेज दिखाई है जिसमें पुलिस और अर्नब के बीच झड़प होती दिखाई दे रही है।

ये है इंटीरियर डिजाइन के आत्महत्या का मामला

अर्नब गोस्वामी को जिस मामले में हिरासटी में लिया गया है, वह तकरीबन दो साल पुराना यानी 2018 का मामला है। मामला यह है कि 53 साल के इंटीरियर डिज़ाइनर अन्वय नाइक और उनकी माँ कुमुद नाइक ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी। उस वक़्त पुलिस को जांच के दौरान सुसाइड पत्र मिला था। जिसमें यह लिखा था कि तीन कंपनियों के मालिक – रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी , स्काईमीडिया के फिरोज सेख और स्मार्टवर्क्स के नितीश सारडा ने उनके पैसों को नहीं चुकाया था। पत्र में यह लिखा गया था कि इन लोगों ने उनके 5.04 करोड़ रुपयों का भुगतान नहीं किया था। जिसकी वजह से उन्हें आर्थिक तंगी झेलनी पड़ी और उनके पास आत्महत्या के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। 

मई 2020 में अन्वय नाइक की बेटी अदन्या ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख से दोबारा जांच करने के लिए निवेदन किया था। अदन्या ने आरोप लगाया कि अलीबाग पुलिस ने मामले की ठीक से जांच नहीं की थी। इसके बाद महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने नए सिरे से जांच की घोषणा की थी। इससे पहले स्थानीय पुलिस ने यह कहते हुए मामला बंद कर दिया था कि मामले में दर्ज लोगों के खिलाफ उन्हें ज़रूरी सबूत नहीं मिले हैं।

फ़र्ज़ी टीआरपी के मामले में भी अर्नब की चल रही है जांच

गिरफ्तारी से पहले अर्नब गोस्वामी फ़र्ज़ी टीआरपी के मामले में भी फंसे हुए हैं। जिस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच जांच कर रही है। जिसे लेकर मुंबई पुलिस ने पिछले महीने अर्नब के खिलाफ केस किया था। मुंबई पुलिस ने कहा था कि रिपब्लिक टीवी ने दर्शकों को अपना चैनल देखने के लिए पैसे दिए थे। पुलिस को विज्ञापनों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग किए जाने का भी शक है। इस मामले में अभी तक रिपब्लिक टीवी के कई शीर्ष अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलावा भेजा जा चुका है और कई लोगों से पूछताछ भी हुई है।

अर्नब की गिरफ्तारी पर कई मंत्रियों ने दिखाया गुस्सा

अर्नब गोस्वामी के हिरासत में लिए जाने के बाद, अब इस मुद्दे पर सबने अपनी-अपनी राजनीति करना शुरू कर दिया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर इसे प्रेस की स्‍वतंत्रता पर हमला करार दिया है। उन्‍होंने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है। यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है। हम इसकी भरपूर निंदा करते हैं। सोनिया गांधी और राहुल गाँधी के नेतृत्व में काम कर रही कांग्रेस अभी भी आपातकालीन मन स्थिति में है। इसी का सबूत आज महाराष्ट्र में उनकी सरकार ने दिखाया है। लोग ही इसका लोकतांत्रिक जवाब देंगे।’

अमित शाह ने कहा कि ‘कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया है. रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ राज्य की शक्तियों का प्रयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। यह मुझे आपातकालीन की याद दिलाता है’।  – अमित शाह

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट करते हुए कहा,  ‘फ्री प्रेस में जो लोग आज अर्नब के समर्थन में नहीं खड़े हैं, वे फासीवाद के समर्थन में हैं। आप उसे पसंद नहीं कर सकते हैं, आप उसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं, आप उसके अस्तित्व को तुच्छ समझ सकते हैं, लेकिन अगर आप चुप रहते हैं तो आप दमन का समर्थन करते हैं।’

एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने की निंदा

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की है। गिल्ड ने महाराष्ट्र के सीएम से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गोस्वामी के साथ उचित व्यवहार किया जाए और मीडिया द्वारा महत्वपूर्ण रिपोर्टिंग के खिलाफ राज्य की शक्ति का उपयोग नहीं किया जाए।

फिलहाल, इस खबर के साथ ही हैशटैग #ArnabGoswami ट्विटर पर काफी चलन में है। अर्नब की इस गिरफ्तारी को 1975 में आपातकालीन के समय से जोड़ा जा रहा है। 1975 में इंदिरा गाँधी ने आपातकालीन घोषित किया था जिसमें उन्होंने प्रेस से भी रिपोर्टिंग करने की स्वतंत्रता छीन ली थी। जिसे लेकर इस समय राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी पर अन्य मंत्रियों और देश की जनता  द्वारा ताना कसा जा रहा है। गिरफ्तारी को निंदनीय कहा जा रहा है। फिलहाल, अर्नब गोस्वामी पुलिस की हिरासत में ही है और महाराष्ट्र पुलिस पर अर्नब की गिरफ्तारी पर सवाल किए जा रहे हैं।