अनंतनाग में हुए हमले की ज़िम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से संबंध रखने वाले आतंकवादी संगठन ‘रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है।
#AnantnagEncounter: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग (Anantnag) के कोकेरनाग इलाके के जंगलो में 13 सितंबर को सुरक्षा बालों और छिपे हुए आतंवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें देश के तीन जवान शहीद हो गए। शहीद हुए तीनों जवानों के बलिदान को सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और भारतीय सेना के सभी रैंकों ने सलाम किया। जानकारी के अनुसार, ये तीन जवान – कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डिप्टी एसपी हुमायूं भट हैं, जो आतंकवादियों के साथ एनकाउंटर में देश के लिए बलिदान हो गए।
Visuals from Gadole forests of Kokernag in Anantnag district, where an encounter between security forces and terrorists is underway since Tuesday evening. pic.twitter.com/UQc9oJXA46
— Press Trust of India (@PTI_News) September 15, 2023
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, शहीदों के पार्थिक शरीर उनके आवास पहुंच गए हैं व सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जा रही है। लिखा, “मोहाली,पंजाब: अनंतनाग मुठभेड़ में शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर उनके आवास मुल्लांपुर पहुंचा।”
#WATCH मोहाली,पंजाब: अनंतनाग मुठभेड़ में शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर उनके आवास मुल्लांपुर पहुंचा। pic.twitter.com/lLsjjMhsgj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 15, 2023
शहीद मेजर आशीष ढोंचक को उनके पैतृक स्थान पानीपत स्थित बिंझौल गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई है।
#WATCH हरियाणा: शहीद मेजर आशीष ढोंचक को उनके पैतृक स्थान पानीपत स्थित बिंझौल गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। pic.twitter.com/Kdco6RbVvV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 15, 2023
अनंतनाग एनकाउंटर के बारे में जानें
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम को उस इलाके में आतंकवादियों के होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद गोलीबारी शुरू हुई। सुरक्षा बालों द्वारा इलाके को घेरने के बाद छिपे हुए आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इसके जवाब ने सुरक्षा बालों ने भी गोलीबारी की व इसी दौरान तीन जवान देश के नाम शहीद हो गए।
जानकारी के अनुसार, कश्मीर में एक एंटी टेरर ऑपरेशन चलाया जा रहा था जिसमें कर्नल मनप्रीत 19 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट की कमान संभाल रहे थे। तीनों जवान एक जॉइंट ऑपरेशन का हिस्सा थे, जिसे आर्मी और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर शुरू किया था।
द क्विंट हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार,
अनंतनाग जिले के गडूल के जंगल में ये ऑपरेशन 11-12 सितंबर की रात को शुरू हुआ था। 13 सितंबर की सुबह सुरक्षा बालों ने आतंकियों की ओर से भारी गोलीबारी का सामना किया। आतंकी एक सुविधाजनक पॉइंट पर थे और गडूल गांव में घने पेड़ों के पीछे छिपे हुए थे।
छिपे हुए आंतकियों ने गोलीबारी शुरू की जिसकी चपेट आए में तीनों अफसर गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें एयरलिफ्ट करके श्रीनगर लाया गया लेकिन उनकी जान न बचाई जा सकी।
एनकाउंटर के पीछे किसके हाथ?
अनंतनाग में हुए हमले की ज़िम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से संबंध रखने वाले आतंकवादी संगठन ‘रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है।
बता दें, हुमायूं भट ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ सिर्फ पांच वर्षों की सेवा में बेहद कठिन कार्यों को संभाला, जिसमें स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप में उनका कार्यकाल भी शामिल था। यह ग्रुप विशेष रूप से आतंकवाद विरोधी अभियानों से संबंधित है।
वहीं कर्नल मनप्रीत सिंह को 2021 में सेना मेडल (वीरता) से सम्मानित किया गया था। सेना में उनकी मूल यूनिट सिख लाइट इन्फैंट्री थी और वे 19 आरआर के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) थे।
द प्रिंट की रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले महीने की शुरुआत में, जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammad) के एक अन्य पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह ने कुलगाम में सैनिकों पर घात लगाकर हमला किया था और बाद में इसका एक वीडियो ज़ारी किया था।
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