गिट्टी फोड़ खेल (पिट्टू) , बचपन में हर किसी ने खेला ही होगा। इस दौरान बच्चों को खेल में धूप नहीं सताती। गर्मी का एहसास नहीं होता। अगर कुछ होता है तो वह है लड़कपन और बचपना। हम भी तो ऐसे ही थे, जब धूल-मिट्टी, पसीना किसी भी चीज़ से फ़र्क नहीं पड़ता था।
अंबेडकर जिले के ब्लॉक भीटी, गांव रोहनपारा में रिपोर्टिंग के दौरान हमने देखा कि यहां छोटे-छोटे बच्चे गिट्टी फोड़ का गेम खेल रहें हैं। इस खेल में हर टीम में 5 से 10 बच्चों की टीम होती है। बच्चे भी काफ़ी उत्साह से इस खेल को खेलते हैं। गर्मियों के मौसम में तो बच्चे दिन-भर यह खेल खेलते हैं लेकिन बरसात में नहीं खेल पाते।
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गिट्टी फोड़ खेल ( पिट्टू) कैसे खेलते हैं?
बच्चों की मानें तो पढ़ाई के साथ खेलना भी ज़रूरी है। गिट्टी फोड़ खेल (पिट्टू) में एक टीम गेंद से रखी हुई गिट्टी को मारती है और उनके बाकी के साथी उस गिट्टी को बनाते हैं। वहीं दूसरे टीम के लोग गेंद पकड़कर दूसरे टीम को गेंद मारते हैं। अगर गेंद लगने से पहले गिट्टी बना लिया तो वह टीम जीत जाती है। अगर गिट्टी नहीं बन पाती तो हार का सामना करना पड़ता है।
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