खबर लहरिया Blog अल-अमीन संस्था ने किया 20 ऑक्सीजन युक्त बेड से जिला अस्पताल को लैस

अल-अमीन संस्था ने किया 20 ऑक्सीजन युक्त बेड से जिला अस्पताल को लैस

अल-अमीन संस्था ने कोरोना मरीज़ों की मदद के लिए व्यवस्थित की इलाज से जुडी चीज़े।

बांदा: कोरोना की संभावित तीसरी लहर से लड़ने के लिए 19 मई को बांदा का स्वास्थ्य विभाग अब पूरी तरह से लैस हो गया है। यह बड़ा काम किया है हथौरा मदरसा के पूर्व छात्र अब्दुर रहमान ने। आंध्र प्रदेश की अल-अमीन एजुकेशनल एंड चैरिटेबल संस्था के गुजरात यूनिट के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल रहमान ने जिला अस्पताल बांदा को 20 आधुनिक बेड ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के साथ लैस किया है। जिससे आने वाले समय में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीजों को जीवनदान दिया जा सकेगा।

जरूरी उपकरण से सुसज्जित

कोरोना की दूसरी लहर के प्रलयंकारी रूप में सामने आने के बाद और पूरे देश में मौतों के बढ़ती तादाद के बीच जिला अस्पताल बांदा के कोविड अस्पताल में आने वाले समय में मरीजों को ऑक्सीजन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इसके लिए आंध्र प्रदेश की अल-अमीन संस्था सामने आई है। इस संस्था ने जिला अस्पताल में 20 बेड का एक वार्ड सुसज्जित किया है। जिसमें सभी सुविधा युक्त बेड और बेड के साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ऑक्सीमीटर समेत सभी जरूरी उपकरण लगाए गए हैं।

संस्था के दो इंचार्ज पहुंचे अस्पताल

अल-अमीन संस्था के गुजरात यूनिट के इंचार्ज मौलाना अब्दुल रहमान और यूपी यूनिट के इंचार्ज डॉ तव्वाब ने आज अपनी टीम के साथ जिला अस्पताल पहुंचकर 20 ऑक्सीजन युक्त बेड दिए हैं और जरूरत पड़ने पर आगे भी कोरोना-काल में मदद की बात कही है। आपको बता दें कि अल-अमीन के वर्तमान गुजरात इकाई के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल रहमान बांदा में दारुल उलूम जामिया अरबिया हथौरा मदरसे में 12 साल पढ़े हैं। यही वजह है कि बांदा से लगाव के चलते उन्होंने बांदा में मेडिकल की यह जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। जिला अस्पताल में 20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनों के लगने के बाद आने वाले समय में ऑक्सीजन के लिए मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए सक्षम रहेगा।

आगे भी जरूरतमंद लोगों को दी जाएगी मदद

अपने अमले के साथ बांदा पहुंचे मौलाना अब्दुल रहमान का कहना है कि हथौरा मदरसे के संचालक मौलाना हबीब की पत्नी को ऑक्सीजन की कमी की वजह से बांदा से रेफर होना पड़ा था और लखनऊ में उनकी मौत हो गई थी। जिसकी वजह से हम लोगों को बांदा में मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने की प्रेरणा मिली और आज बांदा में एक नए काम की शुरुआत उनकी संस्था ने की है जो आगे भी जरूरतमंद लोगों को मदद पहुंचाती रहेगी।

इस खबर को खबर लहरिया के लिए मीरा देवी द्वारा लिखा गया है।

कोविड से जुड़ी जानकारी के लिए ( यहां ) क्लिक करें।