आयूमी जोकि जापान की रहने वाली हैं, वे 2010 में भारत आई हैं। उस समय वह सामुदायिक लोगों से मिलने भी गई लेकिन वह रिसर्च का हिस्सा नहीं था। इसके बाद उन्हें लगा कि घुमंतु समुदाय पर रिसर्च करना चाहिए तो आयूमी ने पीएचडी करते हुए इंडिया में रिसर्च करने का निर्णय लिया। इन्होंने कालबेलिया समुदाय पर रिसर्च किया है।
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