खबर लहरिया Blog AIDS :भारत में अनुमानित 25.61 लाख लोग एचआईवी संक्रमित – सरकारी रिपोर्ट

AIDS :भारत में अनुमानित 25.61 लाख लोग एचआईवी संक्रमित – सरकारी रिपोर्ट

भारत में लगभग 25.61 लाख लोग एचआईवी से संक्रमित हैं। यह संख्या दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे ज़्यादा है। अच्छी बात यह है कि हर साल एचआईवी के नए मामले बहुत कम संख्या में बढ़ रहे हैं यानी भारत में नई एचआईवी संक्रमण दर काफी कम है। यह आंकड़ा सरकार द्वारा जारी सोमवार 1 दिसंबर 2025 की एक रिपोर्ट में दिया गया।

विश्व एड्स दिवस की सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार : यूनाइटेड नेशन)

एड्स पर जागरूकता अभियान कई तरीकों से देश भर में चलाए जाते हैं। ऐसे ही अभियान के तहत 1 दिसंबर 2025 को बिहार के समस्तीपुर में सदर अस्पताल की ओर से एक रैली निकाली गई। इस रैली में लगे नारों ने सड़क पर मौजूद लोगों का ध्यान तो खींचा ही सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ। रैली में एड्स दिवस के अवसर पर जागरूकता अभियान के तहत ‘अगर पति है आवारा, कंडोम ही है सहारा’ और ‘परदेस नहीं जाना बलम जी, एड्स न लाना बलम जी’ जैसे नारे लगाए गए। हालांकि वीडियो वायरल होने पर कई लोगों ने इसका विरोध भी किया।

बिहार के समस्तीपुर में सदर अस्पताल की ओर से रैली की तस्वीर (फोटो साभार : दैनिक जागरण)

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा जारी भारत एचआईवी अनुमान 2025 तकनीकी रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 तक, नए पाए गए एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों में से 73% ने विषमलैंगिक संचरण के माध्यम से संक्रमण होने की सूचना दी। इसके बाद इंजेक्शन के माध्यम से नशीली दवाओं का उपयोग हुआ, जो रिपोर्ट किए गए संक्रमणों का 11.5% था। अन्य 5.4% मामले समलैंगिक/उभयलिंगी संचरण के कारण थे, जबकि 3.5% ऊर्ध्वाधर संचरण के कारण थे।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत में एचआईवी महामारी का स्तर कम बना हुआ है, 2024 में वयस्कों में एचआईवी का प्रसार 0.20% रहेगा। हालाँकि कुल प्रसार कम है, भारत में 25.61 लाख लोग एचआईवी (पीएलएचआईवी) से ग्रस्त हैं, जो दुनिया भर में पीएलएचआईवी से ग्रस्त लोगों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। वार्षिक एचआईवी संक्रमण दर भी बहुत कम, 0.05 प्रति 1,000 असंक्रमित जनसंख्या पर बनी हुई है।”

1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस

1988 से हर साल 1 दिसंबर को विश्वी एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को एड्स के लक्षण, इससे बचाव, उपचार, कारण इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाती है और कई अभियान चलाए जाते हैं जिससे इस महामारी को जड़ से खत्म करने के प्रयास किए जा सकें। इसी तरह का प्रयास बिहार के समस्तीपुर से सामने आया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में सदर अस्पताल की नर्स और एक सिविल सर्जन शामिल थे। वीडियो में आप देख सकते हैं हाथों में पोस्टर लिए और नारों में ‘अगर पति है आवारा, कंडोम ही है सहारा’ और ‘परदेस नहीं जाना बलम जी, एड्स न लाना बलम जी’ सुनाई दे रहा है।

इस नारे को समझे तो समझ आता है कि ये उन पुरुषों की बात की जा रही है जो नौकरी के लिए बाहर प्रदेश जाते हैं। बिहार, यूपी और भी कई राज्यों से भारी संख्या में लोग नौकरी के लिए जाते हैं लेकिन उनमें से कुछ ऐसे भी होते हैं जिनका एक से अधिक यौन सम्बन्ध होता है जो कहीं न कहीं एड्स होने का खतरा पैदा करता है। जब वे वापस लौटते हैं तो एड्स का संक्रमण भी उनके साथ आ सकता है। इसलिए “कंडोम ही है सहारा” जो एड्स जैसी बीमारी होने से बचा सकता है।

लल्लन टॉप की रिपोर्ट के अनुसार वीडियो वायरल होने पर सोशल मीडिया इन नारों को लेकर जहां कुछ लोगों ने इसकी तारीफ की वहीं कुछ लोगों ने निंदा भी की। कई लोगों का कहना था कि इन नारों में सिर्फ मर्दों की बात की जा रही जो ये दिखाता है कि एड्स सिर्फ पुरुषों से फैलता है। यह बीमारी महिलाओं से भी फ़ैल सकती है।

सिविल सर्जन ने दी सफाई

बिहार समस्तीपुर के सदर अस्पताल के सिविल सर्जन की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया आई। समस्तीपुर सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी ने कहा, “एड्स दिवस पर जागरूकता रैली निकाली गई थी, जिसमें जीएनएम (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) डिप्लोमा कोर्स की छात्राएं और अस्पताल की नर्स शामिल थीं। इसका स्लोगन कुछ एनजीओ के लोगों ने तैयार करवाया था। जिसकी बात की जा रही है कि ‘अगर पति है आवारा, कंडोम ही है सहारा’, ये कोई स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी की ओर से नहीं आया था।

उन्होंने कहा कि इन नारों को एनजीओ के लोग के सहयोग से बनाया गया था। उन्हीं ने ये बनाया था। जब ये स्लोगन बोला जा रहा था तो मुझे भी अटपटा जैसा लगा था।

Aids सिर्फ असुरक्षित यौन संबंधों से ही नहीं यह बीमारी संक्रमित खून या संक्रमित इंजेक्शन की वजह से भी फैलता है। आज एड्स दुनियाभर में सबसे घातक बीमारी के रूप में उभरकर सामने आया है। एड्स एक ऐसी बीमारी जो इंसान को जीते-जी मरने पर विवश कर देती है। यह भी कहते हैं की एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इस बीमारी से बचा ही नही जा सकता। इस बीमारी का एकमात्र इलाज है बचाव।

एचआईवी के लक्षण

बुखार (बढ़ा हुआ तापमान)
शरीर लाल पड़ जाना तथा निशान
गले में खराश
सूजन ग्रंथियां
सरदर्द
पेट की ख़राबी
जोड़ों मैं दर्द
मांसपेशियों में दर्द

खबर लहरिया की रिपोर्ट में चित्रकूट की जानी मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलिमा सिंह से एड्स के बारे में बात की। उन्होंने हमें HIV AIDS से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताया। आप भी देखिये पूरा वीडियो।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम

राष्ट्रीय एड्स एवं यौन रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) चरण-V : केन्द्रीय क्षेत्र की योजना जिसका लक्ष्य 2030 तक एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा के रूप में समाप्त करना है। भारत ने एड्स से निपटने के लिए 90-90-90 का लक्ष्य अपनाया था । बाद में इस लक्ष्य को बढ़ाकर 95-95-95 कर दिया गया।

95-95-95 लक्ष्य एचआईवी से पीड़ित 95% लोगों को अपनी स्थिति का पता होगा। निदान किए गए 95% लोग निरंतर एआरटी पर होंगे और एआरटी पर 95% लोगों में वायरस का दमन होगा।

 

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