अलीगढ़ में आसामन्य हालत में 17 साल की लड़की का शव पाया गया। आरोप है कि पहले उसके साथ बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या की गयी। मामले को लेकर टीम गठित कर आरोपियों की तलाश की जा रही है।
यूपी के अलीगढ़ के अकराबाद इलाके में रविवार,28 फरवरी को एक 17 साल की लड़की का खेत में आसामन्य हालत में शव पाया गया। स्थानीय लोगों द्वारा यह आरोप लगाया गया कि पहले लड़की के साथ बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या की गयी। जानकारी के अनुसार, जब लड़की का शव मिला तो उसका शरीर अर्ध नग्न अवस्था में था। जिसके बाद उसके इलाके में लोगों द्वारा धरना प्रदर्शन कर सड़क जाम किया गया।
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रिपोर्ट में नहीं हुई बलात्कार की पुष्टि
बलात्कार और हत्या के आरोप के मामले को लेकर अलीगढ़ के एसएसपी मुनिराज जी ने सोमवार 1 मार्च को अपना बयान दिया। वह कहते हैं कि लड़की की मौत दम घुटने और गला दबाने से हुई है। शव को ग्रामीणों द्वारा खेत में पाया गया था। जब एसएसपी से बलात्कार की संभावना के बारे में पूछा गया, जैसा की आरोप लगाया जा रहा था। वह कहते हैं कि पोस्टमॉर्टेम की रिपोर्ट में डॉक्टर्स द्वारा बलात्कार होने की बात की पुष्टि नहीं की गयी है। पर हाँ, लड़की के शरीर पर काफी चोटों के निशान थे, जगह-जगह से शरीर का मांस भी निकला हुआ था। लेकिन रिपोर्ट में आंतरिक चोटों के बारे में कुछ भी बात सामने नहीं आयी है।
स्थानीय लोगों ने किया धरना प्रदर्शन
जानकारी के अनुसार,1 मार्च को लड़की के परिवार वाले और स्थानीय लोगों ने मिलकर सासनी गेट क्षेत्र में लड़की का शव रखकर धरना प्रदर्शन किया था। साथ ही,लड़की के परिवार को मुआवज़ें देने की मांग भी की गयी थी। प्रदर्शन मार्च के दौरान किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए रैपिड एक्शन फाॅर्स और महिला पुलिस दल को भी तैनात किया गया था। जब पुलिस और अधिकारीयों ने मामले में हस्तक्षेप किया तो लड़की का अंतिम संस्कार किया गया।
आरोपी को पकड़ने के लिए टीम की गठित
पुलिस द्वारा परिवार वालों की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज़ कराई गयी है। पुलिस ने मामले को धारा 302,आईपीसी 376 और पोस्को एक्ट के तहत लिखा है। साथ ही, तीन युवाओं को मामले की पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। अलीगढ़ के एसएसपी द्वारा कहा गया कि उनके द्वारा मामले की जांच के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है, जो की घटना के मुख्य आरोपी को पकड़ने का काम करेगी।
चारा लेने गयी थी, लेकिन वापिस नहीं लौटी
लड़की की नानी के अनुसार,दोपहर के तकरीबन 12 बजे वह जानवरों का चारा लेने के लिए खेत में गयी थी। जब वह बहुत समय तक वापस नहीं आयी तो उसके परिवार वाले उसे ढूंढने निकल गए। देर शाम को उन्हें लड़की का शव अर्ध नग्न हालत में मिला। जानकारी के अनुसार,लड़की पिछले दस सालों से अपनी नानी के साथ ही रह रही थी।
राज्य में हो राष्ट्रपति शासन लागू – भीम आर्मी चीफ
भीम आर्मी के मंडल प्रेसिडेंट सिकंदर बौद्ध मामले के बाद लड़की के परिवार से मिलने अलीगढ़ पहुंचे और सरकार से परिवार के लिए 50 लाख रुपयों की आर्थिक सहायता की मांग की। वह कहते हैं कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए क्यूंकि सरकार अपराधों को रोकने में पूरी तरह से नाकामयाब रही है। वह यह भी कहते हैं कि यूपी ही एक ऐसा राज्य जहां हर दिन अपराध बढ़ रहे हैं।
वह आगे कहते हैं,”हाथरस की घटना हुई,कासगंज की हुई,भदोही की हुई,बलरामपुर की हुई और आज अलीगढ़ में यह घटना हो गई और इतनी निर्मम घटनाएं हो रही हैं। अब लड़कियां-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। यह जो सरकार है इसका लड़कियों से, महिलाओं से कोई लेना-देना नहीं है।”
हाल ही में, 17 फरवरी को यूपी के उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा गाँव में 13,16 और 17 साल की नाबालिग लड़कियों को खेत से बरामद किया गया था। जिसमें पुलिस ने बताया था कि तीनों लड़कियों के हाँथ और पैर आपस में दुपट्टे से बंधे हुए थे और तीनों के मुंह से झाग निकल रहा था। जिसमें से दो लड़कियों की मौत हो गयी और एक की हालत गंभीर बतायी जा रही थी।
राज्य में मामले घटने की जगह हर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। बढ़ते मामलों,महिला हिंसा और अपराधों के लिए किसे दोषी ठहराया जाए? सरकार को ? समाज को ? आख़िर किसे? सरकार सिर्फ सुरक्षा के वादे करती है और समाज बस उन वादों को सुनता है लेकिन कभी उनके पूरा ना होने पर आवाज़ नहीं उठाता। क्या इस तरह से राज्य में महिलाएं रह पाएंगी? क्या कभी यौन अपराध के मामले कम होंगे? या फिर लोगों को फिर से आश्वाशन देकर शांत करा दिया जायेगा और लोग भी चुप हो जाएंगे।