15 अगस्त 1995 को तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा प्राथमिक विद्यालय में पोषाहार कार्यक्रम की घोषणा की गयी थी लेकिन आज भी वहां समय से पोषाहार नहीं मिल रहा है। सरकार द्वारा एक बड़ा बदलाव भी किया गया है जिसके तहत जिन परिवारों का आधार कार्ड पंजीकृत होगा, उन्हीं को पोषाहार मिलेगा। वाराणसी जिले में 3,914 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। सरकार द्वारा यह कहा जा रहा है कि आधार कार्ड धारकों का डाटा निकला जा रहा है। उसके बाद ही गांव में पोषाहार देने का कार्य शुरू किया जायेगा।
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वारणसी जिले के गांव उमराहा की कहानी कुछ और कहती है। वहां के लोगों का कहना है कि उनके आधार कार्ड आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत होने के बावजूद उन्हें समय पर पोषाहार नहीं दिया जाता है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि पोषाहार के लिए लड़ना पड़ता है। एक माह में अगर मिल जाए तो दो-तीन महीने इंतजार करना पड़ता है। अगर एक घर में 0 से 5 साल के बच्चे हैं तो उनको भी मिलना चाहिए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आरती का कहना है कि 6 माह से 3 वर्ष का जो पोषाहार वितरण होता है उसमें 55 है लाभार्थी हैं। 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चे 45 हैं। इन लोगों को पोषाहार हर महीने मिलता है। अभी जुलाई में बांटा था 6 जुलाई को फिर अगस्त में 6 अगस्त को बांटा था।
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