जिला चित्रकूट, ब्लॉक कर्वी, गांव कसहाई में रहने वाली मन देवी कहती हैं कि उसके पति शादी के फैंसी कार्ड बनाने का काम करते थे। अपने पति को देख-देखकर उसे लगा कि वह भी यह काम कर सकती हैं। ऐसे ही उन्होंने देखते-देखते शादी के कार्ड बनाना सीख लिया। वह तीन सालों से शादी के कार्ड बनाने का काम कर रही हैं।
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शादी के कार्ड छापने में बहुत मेहनत होती है। फ्रेम में चिपकाने के बाद उसे पानी में धोकर सुखाया जाता है। उसके 1 घण्टे बाद वह कार्ड छापते हैं। एक कार्ड लगभग 300 रुपये 1 रुपया का होता है।
उनके पास खेती नहीं है। यही काम करके उनका पेट पलता है। कार्तिक का महीना आते ही वह शादी का कार्ड बनाने का काम शुरू कर देते हैं। आषाढ़ तक के लिए वह कमा लेते हैं।
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