जिला मुज़फ्फरनगर, शामली। मुज़फ्फरनगर दंगों के दौरान लगे कैंपों में पिछले डेढ़ महीनों से लोग रहे हैं। ये सभी मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक कोई व्यवस्था कैंपों में नहीं की गई। सर्दी के कारण यहां बच्चों की मौतें हो रही हैं।
मुज़फ्फरनगर जिले के लोई कैंप में एक दिसंबर को ठंड के कारण नौ महीने के एक बच्चे की मौत हो गई। डाक्टरों के अनुसार बच्चे को ठंड के कारण निमोनिया हुआ था। इससे पहले 18 नवंबर को चार साल के एक बच्चे की मौत ठंड के कारण हो गई थी। यहां कैंप लगने से लेकर अब तक 16 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं शामली जिले में आने वाले मलकापुर कैंप में भी अब तक 27 बच्चों की मौत हो चुकी है। कैंपों में राहत कार्य में जुटे अस्तित्व संस्था के उस्मान ने बताया कि सरकार द्वारा अभी तक कैंपों में न तो अलाव जलवाए गए हैं न हीं कंबल बांटे जा रहे हैं। लोई कैंप में राहत कार्य में जुटे फैज़ल का भी यही कहना है।
सरकार ने सर्दी से निपटने के लिए अभी तक कोई इंतज़ाम कैंपों में नहीं किए हैं। हालांकि कई गैर सरकारी संगठन लोगों के बीच गरम कपड़े और कंबल बांट रहे हैं। दूसरी तरफ मुज़फ्फरनगर जिले के बसीपुर कलां गांव में लगे कैंप में राहत कार्य में जुटे ज़हूर हसन ने बताया कि सर्दी की सबसे ज़्यादा मार बच्चों को झेलनी पड़ रही है। खासतौर पर नवज़ात बच्चे लगातार बीमार पड़ रहे हैं। सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं पहुंचाई जा रही है।