97 साल के राजकुमार वैश्य ने इस उम्र में एमए (अर्थशास्त्र) की परीक्षा पास कर एक मिसाल कायम की है।
राजकुमार ने नालंदा स्वतंत्र विश्वविद्यालय (ओपेन यूनिवर्सिटी) से अपनी परास्नातक की डिग्री पूरी की है। राजकुमार ने आगरा यूनिवर्सिटी से वर्ष 1938 में स्नातक(बीए) की परीक्षा पास की थी। उसके बाद फिर 1940 में उन्होंने कानून की डिग्री ली थी। उसके बाद नौकरी करने लगे।
उच्च शिक्षा पाने की लगन के चलते उन्होंने एमए की परीक्षा दी। उन्होंने बताया कि परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ जाने की वजह से वो परास्नातक की डिग्री नहीं ले पाए थे।
उन्होंने कहा, “मैंने सोचा कि लोगों को दिखाया जाए कि अगर हौसला हो तो उम्र किसी काम के भी आड़े नहीं आती। इस पढ़ाई के जरिए युवाओं को भी बता रहा हूं कि कभी हार नहीं माननी चाहिए।” बुजुर्ग छात्र राजकुमार आज भी चार से पांच घंटे की पढ़ाई करते हैं।
अब उनका सारा ध्यान सामाजिक–आर्थिक मुद्दों पर लेख लिखने की है। खासतौर पर ऐसे मुद्दों पर जो गरीबी और रोजगार से जुड़े हों।
97 वर्षीय बुजुर्ग एमए की परीक्षा पास कर बने मिसाल
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