इन आठ भारतीय नौसैनिकों को कतर में जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। ये सभी दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम कर रहे थे। इसके बाद कतर की अदालत ने अक्टूबर में सभी को मौत की सजा सुनाई थी।
कतर की जेल में बंद आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारीयों को सोमवार 12 फरवरी को 18 महीने बाद दोहा द्वारा रिहा कर दिया गया है। इन्हें पहले इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 7 लोग पहले ही भारत आ चुके हैं। जानकारी यह भी है कि पीएम मोदी 14 फरवरी का क़तर का दौरा कर सकते हैं।
Thanks to Prime Minister Modi, the ex-Navy veterans, who were in Qatar’s custody, are now back home.#Qatar pic.twitter.com/McysiPgdQt
— Nazia Elahi Khan BJP (@NaziaElahiKhan1) February 12, 2024
विदेश मंत्रालय ने ज़ारी प्रेस रिलीज़ में बताया कि “भारत सरकार उन आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है जो दाहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम कर रहे थे और जो क़तर में हिरासत में थे। आठ में से सात भारत भी लौट चुके हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर राज्य के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।”
अगस्त 2022 में हुए थे गिफ्तार
बता दें कि इन आठ भारतीय नौसैनिकों को कतर में जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। ये सभी दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम कर रहे थे। इसके बाद कतर की अदालत ने अक्टूबर में सभी को मौत की सजा सुनाई थी। भारत सरकार के दखल के बाद फांसी की सजा को बदलकर सभी को अलग-अलग सजा सुनाई गयी थी। यह भी बताया गया कि उन पर लगे आरोपों को कतर के अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया था।
साझेदारी के बाद रिहाई का आया फैसला
रिपोर्ट्स बताती हैं कि सजा के खिलाफ कतर के सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 60 दिन का समय दिया गया था। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर दुबई में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की थी। इसी दौरान दोनों नेताओं ने दोनों पक्षों की साझेदारी और कतर में रहने वाले भारतियों की भलाई के लिए चर्चा की थी।
रिहा किये गए भारतीय नौसेना अधिकारी
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी जिन्हें रिहा किया गया, उनमें कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुणाकर पकाला, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर संजीव गुप्ता, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, नाविक रागेश गोपाकुमार शामिल हैं। कमांडर पूर्णेंदु तिवारी को छोड़कर सभी आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मी भारत वापस आ गए हैं।
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