पिछले चार सालों में देश में मलिन बस्तियों के 72,80,851 घरों को मंजूदी दी, जिसमें 38,67,191 घरों ने आधार रखी। 14,75,879 ने निर्माण कार्य पूरा किया। जबकि 3,14,765 घर खाली पड़े हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार महाराष्ट्र में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली आबादी 1.18 करोड़ थी। वहीं आंध्र प्रदेश में ये आबादी 1.02 करोड़ था। इन दोनों राज्यों की कुल जोड़कर 2.20 करोड़ है। ये जानकारी राज्यसभा में पिछले सप्ताह आवास और शहरी मामलों के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पूरी ने एक प्रश्न के उत्तर में दी।
महाराष्ट की 1.18 करोड़ झुग्गी में 25 लाख घरों की आबादी रहती है। वहीं आंध्र प्रदेश के 24 लाख घर इस 1.02 करोड़ आबादी में है। आपको बता दें कि झुग्गी- बस्तियों में रहने वाली आबादी इन ही राज्यों में नहीं है। बल्कि तमिलनाडु के 721 शहरों में से 507 शहर झुग्गी बस्तियों वाले शहर है, मध्यप्रदेश में ये 364 में से 303 शहर झुग्गी वाले तो उत्तर प्रदेश में 648 शहरों में से 293 शहर बस्ती वाले हैं। इन बस्तियों की आबादी की बात करें तो तमिलनाडु में 58 लाख आबादी झुग्गी-बस्तियों की है, वहीं मध्य प्रदेश में 57 लाख और उत्तर प्रदेश में 62 लाख झुग्गी-बस्तियों की ये आबादी है।