उत्तरप्रदेश के जिला वाराणसी में 10 फरवरी को दीनदयाल हस्तकला संकुल बड़ालालपुर, चांदमारी जनपद वाराणसी में आई.टी.आई, सेवा योजन विभाग और उत्तरप्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत मण्डलीय रोज़गार मेले का आयोजन किया गया। साथ ही मेले में सम्मिलित अभ्यार्थियों को नियुक्ति पत्र भी बांटे गए।
मेले में करीब 163 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसके साथ देश के विभिन्न प्रांतों से आए विभिन्न सेक्टरों में से कुल 5562 अभ्यार्थियों को सेवायोजित भी किया गया। मेले में सवोच्च वेतन करने वाली कंपनियों में एम.आई.टी मेरठ, र्स्कापिक्स इण्डिया पटना का नाम शामिल है।
रोज़गार पाने के लिए जगह–जगह से आए प्रतिभागी–
मेला प्रभारी दीप सिंह का कहना है कि इस रोज़गार मेले में हर साल प्रदेश के 14 से 40 वर्ष की आयु वर्ग के वही लोग आते हैं जिन्हें आजीविका उपार्जन हेतु सक्षम बनाने की दृष्टि से रोजगार की ज़रुरत होती है, जैसे अल्प–शिक्षित, स्कूल ड्राप–आउट एवं बेरोजगार युवा।
इस बार मेले में एम.आई.ई.टी मेरठ, र्स्कापिक्स इण्डिया पटना, एग्जेण्ट एक्वा प्रा.लि. वाराणसी, पूखराज हर्बल हेल्थकेयर जालंधर, पूजा इण्टरप्राइजेज वाराणसी जैसी कंपनियां शामिल हुईं, जिसमें वाराणसी से प्रशिक्षण प्रदाता जनहित सांस्कृति कला केन्द्र के कुल 90 एवं ओरियान एजुटेक के 85 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया।
आई.ई.टी. मेरठ ने एक अभ्यार्थी को दिया है सर्वोच्च वेतनमान
मेले के मुख्य विकास अधिकारी मधुसुदन हुल्गी ने बताया कि एम.आई.ई.टी. मेरठ द्वारा डा.रियाज अहमद नामक अभ्यार्थी का चयन सर्वोच्च वेतन मान 45 हजार रूपए पर हुआ है।
साथ ही उन्होंने बताया कि इस रोज़गार मेले में कुल 163 कंपनियां आयीं। इन कंपनियों ने अलग–अलग अभ्यार्थियों के साक्षात्कार लेने के बाद कुल 5562 लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपा है।
आसपास के ज़िलों से आये 11 हजार से ज़्यादा अभ्यार्थीयों के नौकरी पाकर चेहरे खिल उठे–
इंजीनियरिंग एवं अन्य कई विषयों से स्नातक पूरी कर आए अभ्यार्थियों को इस रोज़गार मेले से काफी उम्मीदें थीं और इस मेले ने उन्हें निराश नहीं किया। जैसे जैसे दिन ढलता गया प्रतिभागी अपने अपने साक्षात्कार में सफल होते गए। जैसे ही उन्हें नियुक्ति पत्र पकड़ाया जा रहा था, उनके चेहरे की मुस्कान देखने लायक थी।
बड़ागाँव से आए संजय कुमार का कहना है कि वह आई.टी.आई कर के आए हैं और आज उन्हें एल.आई.सी में फील्ड वर्क के कार्य के लिए नियुक्त किया गया है।
जहाँ कुछ लोग खुशियां मना रहे थे, वहीं कुछ लोगों को रोज़गार के बिना ही घर वापस लौटना पड़ा। बनारस की रेनू का कहना है कि वह ये उम्मीद करके आयीं थी कि उनके योग्य यहाँ पर कोई रोज़गार मिल जाएगा। लेकिन ज़्यादातर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले लोगों को ही यहाँ नियुक्त किया जा रहा था। और उनके जैसे बी.ए. पास लोगों के लिए कम अवसर थे।
कौशल विकास मिशन के तहत लगे इस रोजगार मेले से उन लोगों को बहुत राहत मिली जो कई सालों से काम तलाश रहे हैं या पढ़ाई ख़तम करके नौकरी के लिए बैठे हैं।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन, लखनऊ के सहायक प्रबन्धक देवेन्द्र तिवारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सकुशल सम्पन्न कराने में रोजगार मेला प्रभारी दीप सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए सुशीला द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
फ़ाएज़ा हाशमी द्वारा लिखित