साल 2023 में भी बिहार के पूर्णिया जिले में हुई डायन की हत्या की घटना के जैसे ही घटना बिहार के गया जिले में हुई थी। जहाँ एक महिला को डायन बोलकर पहले तो भीड़ ने पीटा फिर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। पहले तो पंचायत बिठाकर हल निकालने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ बात नहीं बन सकी तो, हत्या करने का फैसला लिया गया था।
बिहार के पूर्णिया जिले में भीड़ ने डायन के संदेह में महिला समेत परिवार के 5 सदस्यों को जिन्दा जला दिया, जिसमें तीन महिलाएं थीं। घटना रविवार 6 जुलाई 2025 की रात मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के टेटगामा गांव में हुई। महिला के एक बेटे ने इसकी शिकायत पुलिस थाने में सोमवार 7 जुलाई को की थी। इसके बाद जाँच के लिए पुलिस अधीक्षक स्वीटी सहरावत और सहायक पुलिस अधीक्षक आलोक रंजन घटनास्थल पर पहुंचे थे। गांव के करीब 200 से अधिक लोगों पर हत्या का आरोप है और अब तक इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
महिला को डायन घोषित कर हिंसा करने की खबर यह पहली घटना नहीं है। बिहार के कई इलाकों में ऐसी घटनाएं हैं जो सालों से महिलाओं के साथ डायन के रूप में की जा रही है। डायन कहकर उन्हें मारना पीटना, उन्हें घर से और यहां तक के गांव से बाहर कर देना अन्धविश्वास का एक भयावह हिस्सा है। पूर्णियां जिले के टेटगामा गांव में भी कुछ ऐसा ही हुआ। किसी महिला को डायन कहकर जला देना और परिवार के सदस्यों को भी आग के हवाले कर देना मानवीयता की हत्या करने जैसा है।
महिला पर जादू टोने का आरोप
द हिन्दू की 8 जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार पूर्णिया के पुलिस उप महानिरीक्षक प्रमोद कुमार मंडल ने कहा, “एक निवासी रामदेव महतो का बच्चा बीमार पड़ गया था और वह इलाज के लिए 50 वर्षीय बाबूलाल उरांव (डायन कही जाने वाली महिला के घर का सदस्य, जिसकी मौत हो गई है) के पास गया था, लेकिन बच्चा बच नहीं पाया। इसलिए, उरांव और उसके परिवार को लाठी से पीटा गया और फिर जिंदा जला दिया गया। शवों को बोरियों में भरकर फेंक दिया गया।”
मृतक महिला के बेटे ने दी थी जानकारी
कथित डायन महिला के 16 वर्षीय बेटे ने मीडिया को बताया कि भीड़ ने घर में मौजूद सभी लोगों की पिटाई शुरू कर दी। इस बीच वह भागने में कामयाब हो गया। गांव के लोग बांस की लाठियां लेकर आए और मेरी मां को ‘डायन’ कहते हुए मारने लगे। उन्होंने मेरी मां, पिता, भाई और भाभी समेत पांच लोगों को इतना मारा की उनकी जान निकल गई। अन्य गांव वाले तमाशा देखते रहे। किसी ने उन्हें नहीं रोका।
गांव की बैठक में महिला को जलाने का लिया था फैसला
कथित डायन महिला के 16 वर्षीय बेटे ने बताया कि “इस बैठक में करीब 200 लोग शामिल हुए थे। मेरे पिता और मां को बुलाया गया और गांव वालों ने उन्हें मारने का फैसला किया। उन पर लाठी-डंडों से हमला किया गया और फिर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया गया। उनके शवों को ट्रैक्टर पर लादकर सुनसान जगह पर ले जाया गया और फेंक दिया गया।” पूर्णिया के पुलिस उप महानिरीक्षक प्रमोद कुमार मंडल ने बताया कि इस मामले में शवों को फेंकने में इस्तेमाल किए गए ट्रैक्टर को जब्त कर लिया गया है।
अन्धविश्वास का नाम डायन
जब घर के आस-पास या फिर घर-परिवार में कुछ बुरा हो जाए जैसे – तबीयत खराब होना, किसी की मौत होना और हरी-भरी फसलों का बर्बाद हो तो गांव की किसी महिला को इसका दोषी मान लिया जाता है। फिर उस महिला के साथ क्या किया जाना चाहिए? इसका जिम्मा गांव के लोग ही मिलकर तय कर लेते हैं। उसकी हत्या करनी है या उसे पीटकर सबक सीखना है ये सब गांव वाले तय करते हैं और इन्हीं गांव वालों में कई बार गांव का प्रशासन मतलब ग्राम प्रधान, सचिव, आंगनबाड़ी या और जो भी गांव के सरकारी तंत्र में आते हैं वो या तो शामिल होते हैं या फिर मूक दर्शक बनकर देखते रहते हैं।
डायन के आरोप में 2500 से अधिक महिलाओं की हत्या
भारत के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, वर्ष 2000 से 2024 तक 2,500 से अधिक महिलाओं की डायन के आरोप में हत्या की जा चुकी है। यह संख्या और भी अधिक होने का अनुमान है क्योंकि ढ़ेरों ऐसे मामले हैं जो दर्ज़ तक नहीं होते।
डायन प्रथा को लेकर बिहार की सर्वे रिपोर्ट
बिहार में डायन कहकर कई महिलाओं के साथ हिंसा और हत्या की गई जिसको लेकर कई कार्यकर्ताओं ने सर्वे किया। इन आंकड़ों को एक संस्था निरंतर ट्रस्ट और बिहार महिला फेडरेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम “बिहार डायन निषेध अधिनियम 2000 के 25 साल: कितनी गई हैं मारी और कितनी हुई हैं बेघर” में प्रस्तुत किया गया। यह सर्वे उन महिलाओं के अनुभवों को सामने लाने का काम करती है जिन्होंने डायन प्रथा की वजह से हिंसा का सामना किया है व करती आ रही हैं।
इसका उद्देश्य सार्वजनिक मंचों पर इससे जुड़ी बहस को नए नज़रिये से रखना भी है ताकि जब भी इस मुद्दे पर बात हो तो वह सिर्फ सतह पर आकर ही न खत्म हो जाए।
डायन कहकर महिलाओं की हत्या और मारपीट के अन्य मामले
खबर लहिरया की रिपोर्टर ने इसी तरह की घटना की रिपोर्ट की थी। 21 जून 2025 को हाल ही में पटना जिले के बल मंडल बाढ़ अनुमंडल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव शहरी पर एक महिला को डायन कहकर उसको मारा जिसकी वजह से उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। घटना सोमवार, 16 जून 2025 की रात को हुई, जब गांव के कुछ लोगों ने उसके साथ मारपीट की महिला को बचाने आए उसके पति और बेटे को भी मारा।
गया में महिला की कुल्हाड़ी से हत्या
इस तरह की घटना जमीनी स्तर पर काफी होती है जिसे सामने लाने की कोशिश खबर लहरिया ने की है। खबर लहरिया की 1 मई 2025 की रिपोर्ट के अनुसार बिहार के गया जिले के डुमरिया प्रखंड के अंतर्गत आने वाला गांव नयकडिह चोन्हा की 43 वर्षीय महिला को डायन कहकर कुल्हाड़ी से हत्या कर दी गई। यह घटना दिन दहाड़े 24 फरवरी 2024 की सुबह 8 से 10 बजे के समय की थी। गांव के कुछ लोगों ने बताया कि पिछले कुछ महीनो से तेतरी देवी (कथित डायन) को उसके गोतिया लोग डायन बोल कर प्रताड़ित करते रहते थे।
पटना में महिला और उनकी बच्चियों के साथ मारपीट
खबर लहरिया की 8 अगस्त 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक पटना जिले के पुनपुन ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला गांव कंसारी में एक महिला को डायन बोलकर उसकी और उसकी दो बच्चियों की डंडे लाठियो से पिटाई की गई। इंदू देवी के पड़ोसी उन्हें बार-बार प्रताड़ित करते थे कि वह डायन है जिन्होंने अपने मरे हुए बेटे को भेज कर उस परिवार के जीवित बेटे को मार डाला।
पूर्णिया की तरह गया में भी डायन के संदेह में पेट्रोल डालकर जलाया
साल 2023 में भी इसी तरह की घटना बिहार के गया जिले में हुई थी। जहाँ एक महिला को डायन बोलकर पहले तो भीड़ ने पीटा फिर पेट्रोल डालकर आग लग दी। पहले तो पंचायत बिठाकर हल निकालने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ बात नहीं बन सकी। इसके बाद दोनों पक्ष के लोगों ने झारखंड के इलाके से मुन्ना भगत ओझा को बुलाया था। वहीं मुन्ना भगत के इशारे पर महिला के डायन होने की बात कहते हुए उनकी हत्या करने का फैसला लिया गया था।
अगर डायन शक्तिशाली, तो मौत क्यों?
डायन अधिकतर महिलाओं को माना जाता है। कथित तौर पर डायन शक्तिशाली होती है, उसके पास कई तरह की शक्तियां होती जिससे वो लोगों को खा जाती है (हत्या करना), इससे पहले वो पूरे परिवार को गांव के लोगों को मार दे इससे पहले ही उसकी हत्या कर दी जाती है। अफ़सोस इतनी शक्तियां यदि उस महिला में होती, तो क्या वह इस तरह हिंसा झेल रही होती या आग में झुलस गई होती, ये सभी सोचने वाली बात है।
डायन प्रथा पर जागरूक करने की आवश्यकता
डायन काल्पनिक है जिसे सिर्फ महिलाओं पर ही जबरदस्ती थोप दिया जाता है। इस तरह की मानसिकता और विचार में बदलाव लाने की बहुत आवश्यकता है, ताकि लोग समझ पाए और इस तरह की घटनाएं न हो पाए। खबर लहरिया ने भी डायन प्रथा को लेकर अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया था ताकि इस बारे में लोगों को पता चल सके।
इन खबरों के माध्यम से पता चलता है कि किस तरह महिलाओं के ऊपर हो रही हिंसा को चुपचाप बस अंजाम दे दिया जा रहा है, ताकि लोगों के अंदर और डर पैदा हो लेकिन हमें खुद से ग्रामीण स्तर पर लोगों के साथ चर्चा करनी चाइये। जो घटना हो रही उसका वास्तविक कारण पता करना चाहिए बजाय इसके की महिला को डायन कह दिया जाए। कानूनी स्तर पर भी ठोस कार्यवाही होनी चाहिए ताकि इस तरह का अपराध करने से लोग सोचें।
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