जम्मू कश्मीर में 10 जुलाई को अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले में सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। श्रद्धालु एक बस में सवार थे जिस पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी।
उन्ही बस ड्राइवरों में से एक सलीम द्वारा अमरनाथ यात्रियों की जान बचाकर देश के हीरो बन गए हैं। अपनी हिम्मत और समझदारी से वह बस को आतंकियों से दूर ले गए। अगर समय रहते वह ऐसा नहीं करते तो शायद हमले में मरने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और ज्यादा होती या फिर वह खुद ही आतंकियों की गोलियों के शिकार हो जाते। सलीम की इस बहादुरी पर न सिर्फ उनके परिवार को बल्कि पूरे देश को गर्व है।
सलीम का परिवार महाराष्ट्र के पीपलखेड़ा का रहने वाला है। इस परिवार का कोई न कोई सदस्य पिछले 15 सालों से श्रद्धालुओं को अमरनाथ यात्रा के लिए लेकर जाता रहा है। वहीं सलीम के पिता ने भी कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। उन्होंने कहा, “भारत में हिंदू–मुस्लिम सद्भाव से रहते हैं। एक–दूसरे की मदद के लिए तत्पर रहते हैं। वह गद्दार हैं जो धर्म–संप्रदाय और कौम के नाम पर दोनों समुदायों को बांटना चाहते हैं, दरार पैदा करने की कोशिश करते हैं।”
वहीं सलीम की इस बहादुरी के लिए जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने उन्हें 3 लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है।