उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के 45 हजार बिजली कर्मचारी आज (18 नवम्बर ) हड़ताल पर हैं| भविष्य निधि (पीएफ वो राशि है जो किसी भी कर्मचारी की वेतन से हर महीने काटी जाती है और वो रकम उसे रिटायर होने का काम छोड़ने के बाद मिलता है) घोटाले के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने दो दिन की सांकेतिक हड़ताल का ऐलान किया था|
आपको बता दें कि ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) की जांच में जिन 14 ब्रोकर फर्मों (ब्रोकर को हिंदी में दलाल या बिचौलिया भी कहते हैं। ब्रोकर कोई व्यक्ति या फर्म हो सकती है जो निवेशक द्वारा जमा किए गए ऑर्डर को खरीदने और बेचने के लिए शुल्क या कमीशन लेता है। एक ब्रोकर एक फर्म की भूमिका को भी संदर्भित करता है जब यह किसी ग्राहक के लिए एजेंट के रूप में कार्य करती है और ग्राहक से अपनी सेवाओं के लिए कमीशन लेती है। किसी भी एक्सचेंज में व्यक्तिगत ब्रोकर और कॉर्पोरेट ब्रोकर हो सकते हैं। )का नाम सामने आया है, उनमें से सिर्फ दो ब्रोकर फर्में ही ऐसी हैं जो अन्य कंपनियों के लिए भी काम करती हैं। शेष 12 फर्मों ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के अलावा कोई और काम नहीं किया था। ये सभी फर्में पश्चिमी उत्तर प्रदेश या उससे सटे पड़ोसी राज्यों के जिले की हैं। यह भी पता चला कि आदमी एक ही है और दो–तीन फर्में चला रहा है। एक फर्म का तो पता भी गलत पाया गया। अन्य फर्मों की अभी जांच चल रही है। इन फर्मों से आरोपी अफसरों के संबंधों की भी जांच हो रही है.
इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के पीएफ घोटाले में फरार चल रहे ब्रोकर अभिनव गुप्ता ने 12 नवम्बर शाम ईओडब्लू के दफ्तर पहुंचकर सरेंडर कर दिया| अभिनव गुप्ता पीएफ ट्रस्ट के सचिव पीके गुप्ता का बेटा है. जिसे पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है. कहा जा रहा है कि अभिनव गुप्ता की गिरफ़्तारी भी हो सकती है. पिता की गिरफ़्तारी के बाद से ही ईओडब्लू अभिनव गुप्ता से पूछताछ के लिए लगातार नोटिस जारी कर रही थी. इतना ही नहीं नोएडा पुलिस भी उसकी तलाश में दबिश दे रही थी. फिलहाल पूछताछ के दौरान अभिनव गोलमोल जवाब देता रहा. अब ईओडब्लू अभिनव के बैंक खाते, संपत्ति और अन्य स्थानों पर किए गए निवेश को खंगालने में जुटी है.
फिलहाल तत्कालीन वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी, ट्रस्ट सचिव पीके गुप्ता और पावर कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्र की गिरफ्तारी हो चुकी है
लेकिन उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के कर्मचारी यूनियन डूबे हुए 26 अरब की गारंटी चाहती है. लेकिन सरकार ने अब तक कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया है.