जिला बांदा, ब्लाक नरैनी,कस्बा कलिंजर। कार्तिक पूर्णिमा का कलिंजर मा मेला लागत है। किला के कुछ ख़ास मान्यता है। मड़इन का कहब है कि या किला का कउनौ बाहरी राजा नहीं जीत पावा आय।
बन्सू सोनकर का कहब है कि पुरान मड़ई बतावत हैं कि भारत के राजधानी कालिंजर रहै। पैसुनीदीन का कहब है कि हेंया मड़ई गंगा गोदावरी मा नहा के नील कंठ के दर्शन कइके जउन मनौती मानत है वा पूर होत हैं। अजीब बताइस कि या ऐतिहासिक किला चन्देलन के समय का बना आय। अंग्रेजन के शासनकाल मा बहुतै लड़ाई भे है पै या किला का कोऊ नहीं जीत पावा आय। रामकली बताइस कि हेंया मानता है कि किला का तीन दिना मा बन गा रहै यहै कारन तीन दरकी दर्शन करै आवत हैं।
बाईलाइन-गीता देवी
Published on Nov 6, 2017