नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ अब्दुस सलाम को अब जाकर उनके देश पाकिस्तान ने वह सम्मान दिया है, जो उन्हें जीते-जी मिल जाना चाहिये था। प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने इस्लामाबाद की कायदे-आज़म यूनिवर्सिटी के ‘नेशनल सेंटर ऑफ फिजिक्स’ विभाग के नाम को उनकी याद में समर्पित किया है। यह वही यूनिवर्सिटी है जहां सालों पहले सलाम को अपमान का दंश झेलना पड़ा था।
अब्दुस सलाम पाकिस्तान के अहमदिया समुदाय के थे। इस समुदाय को पाकिस्तान में ‘मुस्लिम’ का दर्जा नहीं मिला है, यहाँ तक की 1974 में एक कानून के तहत इस समुदाय को गैर-इस्लामी घोषित कर दिया गया था। यहीं वजह रही कि उन्हें सम्मान से वंचित रखा गया। भौतिक विज्ञान या ‘फिजिक्स’ के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 1979 में उनको नोबेल पुरस्कार दिया गया था। वह विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पाने वाले पाकिस्तान के पहले और किसी इस्लामिक मुल्क के दूसरे वैज्ञानिक थे।
सलाम का जन्म 1926 में अविभाजित भारत के झांग क्षेत्र के एक गरीब परिवार में हुआ था। अपनी असाधारण प्रतिभा के दम पर वह देश के अग्रणी बौद्धिक जमात में शामिल हुए और ‘पार्टिकल फिजिक्स’ में ‘इलेक्ट्रो्वीक यूनिफिकेशन थ्योरी’ को विकसित करने में अहम योगदान देने के लिए नोबेल सम्मान से नवाजे गए। 1996 में उनका निधन हो गया।