विश्व भर में सबसे प्रदूषित शहरों में 30 में से 22 शहर भारत में है। वहीं अकेले उत्तर प्रदेश राज्य में सबसे प्रदूषित शहरों में 11 शहर मौजूद हैं।
दुनिया के सबसे प्रदूषित 30 शहरों में 22 शहर भारत में हैं। स्विस संगठन “आईक्यू एयर” द्वारा मंगलवार 16 मार्च को ‘वर्ल्ड एयर क्वॉलिटी रिपोर्ट, 2020’ ज़ारी की गयी थी। जो की विश्व भर में निकाली गयी थी। रिपोर्ट में यह बताया गया कि दिल्ली दुनिया के सबसे ज़्यादा प्रदूषित राजधानी शहरों में से एक है।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि साल 2019 के मुकाबले साल 2020 में दिल्ली की वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। लेकिन इसके बावजूद भी दिल्ली सबसे प्रदूषित शहरों में 10वें नंबर पर है। राजधानी के रूप में देखा जाए तब भी दिल्ली शीर्ष पर है।
दिल्ली के आलावा यह है अन्य 21 शहर
भारत में सबसे प्रदूषित शहरों में इन शहरों के नाम शामिल है। वह हैं- उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद, बुलंदशहर, बिसरख जलालपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, आगरा और मुजफ्फरनगर। “अकेले उत्तर प्रदेश राज्य में 11 प्रदूषित शहर है।”
राजस्थान में भिवाड़ी, हरियाणा में फरीदाबाद, जींद, हिसार, फतेहाबाद, बंधवाड़ी, गुरुग्राम, यमुनानगर, रोहतक और धारुहेड़ा और बिहार में मुजफ्फरपुर प्रदूषित शहरों के नामों में शामिल हैं।
दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है चीन में
रिपोर्ट बताती है कि दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर चीन में है। जिसका नाम शिंजियांग है। इसके बाद शीर्ष 10 में से 9 शहर भारत में है। वहीं दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में गाजियाबाद दूसरे स्थान पर है। उसके बाद बुलंदशहर, बिसरख जलालपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ और भिवाड़ी का नंबर आता है। इन शहरों में प्रदूषण का स्तर पीएम2.5 ( पार्टिकुलेट मैटर ) के आधार पर मापा गया है।
भारत में प्रदूषण होने के मुख्य कारक
रिपोर्ट में कोविड-19 लॉकडाउन में हुए प्रभावों के बारे में बताया गया। इसके साथ ही दुनिया भर में पीएम 2.5 प्रदूषकों में आए बदलावों के बारे में भी ज़िक्र किया गया। भारत में प्रदूषण के मुख्य कारक इन चीज़ों को बताया गया। वह हैं – परिवहन, भोजन पकाने के लिए ईंधन जलाना, बिजली उत्पादन, उद्योग-धंधे, विनिर्माण कार्य, कचरा जलाना और समय-समय पर पराली जलाया जाना।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारत के शहरों में पीएम 2.5 प्रदूषकों का सबसे बड़ा स्रोत परिवहन क्षेत्र है।’
वायु प्रदूषण से हुई मौतों की रिपोर्ट
ग्रीनपीस साउथईस्ट एशिया एनालिसिस एंड आईक्यू एयर की हाल ही की रिपोर्ट में नई दिल्ली की एक रिपोर्ट निकाली गयी। जिसमें यह बताया गया कि दिल्ली में साल 2020 में वायु प्रदूषण से अनुमानित तौर पर 54,000 अकाल मौते हुई हैं।
साल 2020 में देश में लॉकडाउन के दौरान सभी ने साफ़ हवा में सांस ली थी। लेकिन प्रदूषण से हज़ारों की मात्रा में हुई मौतें चौकाने वाली हैं। साथ ही सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहरों में सबसे ज़्यादा शहर उत्तरप्रदेश राज्य में पाए गए। वहीं परिवहन को वायु प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह बताया गया। अब हम अपने स्तर पर बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए क्या कर सकते हैं। यह हमें सोचने की ज़रुरत है।