पटना : चिराग पासवान की नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को गुरुवार को बिहार में एक बहुत ही बड़ा झटका लगा है। 19 फरवरी को 200 से भी ज़्यादा पार्टी कार्यकर्ता और नेताओं ने पासवान का साथ छोड़ नीतीश कुमार वाली जतना दल यूनाइटेड (जेडीयू) पार्टी का दामन थाम लिया है। पाला बदलने वालों में 18 जिला अध्यक्ष, 5 प्रदेश महासचिव समेत लगभग 200 लोग शामिल थे। राज्य के पूर्व महासचिव केशव सिंह की अगुवाई में वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने कदम सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ बढ़ाए।
जानकारी के अनुसार, लोजपा पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पार्टी से संतुष्ट नहीं थे। जेडीयू के राष्ट्रिय अध्यक्ष और राज्यसभा के सदस्य आरसीपी सिंह ने लोजपा पार्टी के नेताओं को पार्टी की सदस्या दिलाई। यह कहा जा रहा था कि 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद लोजपा और अध्यक्ष चिराग पासवान के खिलाफ नेताओं ने तंज कसे थे। वहीं पार्टी विधानसभा चुनाव में बस एक सीट पाने में ही कामयाब रही थी। जबकि जेडीयू को 43 सीट मिली थीं।
वरिष्ठ नेता रामेश्वर चौरसिया ने भी छोड़ी पार्टी
बुधवार,18 फरवरी को लोजपा पार्टी के वरिष्ठ नेता रामेश्वर चौरसिया ने भी खुद को पार्टी से अलग कर लिया था। इससे पहले चौरसिया ने साल 2020 के विधानसभा चुनाव में सासाराम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। इसके साथ ही वह भाजपा पार्टी में भी नेता रह चुके थे। उन्होंने भाजपा के टिकट पर नोखा विधानसभा से चुनाव लड़ा रहा था। जिसमें उनकी तीन बार जीत भी हुई थी। पिछले विधानसभा से पहले ही वह लोजपा पार्टी में शामिल हुए थे क्यूंकि बीजेपी ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के प्रतीक से वंचित कर दिया था।
प्रमुख लोजपा नेता जो जेडीयू शामिल हुए
जो नेता पार्टी को छोड़ जेडीयू में शामिल हुए , उनके नाम है – रामनाथ रमन पासवान, दीनानाथ क्रांति, एमडी एज़ाज़, समाज श्रम प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कौशल सिंह कुशवाहा, एकनॉमिकली बैकवर्ड क्लास (ईबीसी) सेल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पारसनाथ गुप्ता और सुभाष पासवान। पार्टी के नेताओं का स्वागत करते हुए
आर सी पी सिंह ने कहा, “जेडी (यू) देश में समाजवादी विचारधारा की एकमात्र पार्टी है जिसमें भाई-भतीजावाद और वंशवाद के लिए कोई जगह नहीं है। यदि किसी व्यक्ति में योग्यता और क्षमता है और वह कड़ी मेहनत भी करता है, तो वह जेडीयू में किसी भी स्तर तक पहुंच सकता है।”
सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने अच्छे कामों से बिहार को एक नई पहचान दी है। वह आगे कहते हैं कि, “नीतीश का एकमात्र ‘धर्म‘ आम लोगों की सेवा करना है और पूरा बिहार उनका परिवार है।” पार्टी में नए नेताओं को शामिल करने के दौरान जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और पार्टी के प्रदेश महासचिव अनिल कुमार भी मौजूद थे।
जेडीयू में शामिल होने वाले रामनाथ रमन पासवान ने कहा कि लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ठग हैं। जो बिहार में जन्म नही लिया उसे बिहार के बारे में क्या जानकारी होगी।
वरिष्ठ नेता केशव सिंह ने कहा, पासवान जल्द ही होगा जेल में
लोजपा के वरिष्ठ नेता केशव सिंह ने जेडीयू पार्टी में शामिल होने के बाद ही पासवान पर तंज कस दिया। सिंह ने कहा, वह पार्टी के विश्वासपात्र थे। वह पार्टी को बिहार के हर एक नुक्कड़ में लेकर गए। लेकिन जब चिराग पासवान ने पार्टी को अपने हाथों में लिया तो उसने घोटालों में शामिल लोगों को टिकट देने में महत्ववपूर्ण भूमिका निभाई, जो की लोकसभा सांसद बन गए। वह कहते हैं कि जल्द ही पासवान जेल में होगा क्यूंकि वह आयकर घोटाले में भी शामिल है।
सीएम का जन्मदिवस ‘विकास दिवस‘ के रूप में बनेगा
जेडीयू ने वीरवार,19 फरवरी को यह घोषणा की कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जन्मदिन को ‘विकास दिवस‘ के रूप में मनाया जाएगा। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर सी पी सिंह ने कहा कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता 1 मार्च 2021 को हर गाँव-कस्बे के प्रत्येक मतदान केंद्र पर इकठ्ठा होंगे और मुख्यमंत्री के लम्बे जीवन की कामना करेंगे। इसके आलावा कार्यकर्ता, स्थानीय लोगों से नीतीश सरकार द्वारा किये गए विभिन्न विकास के कार्यों को लेकर बातचीत करेंगे।
लोजपा प्रवक्ता ने कहा, चौरसिया कभी पार्टी का हिस्सा ही नहीं थे
नेताओं के पार्टी छोड़ने पर चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी छोड़ने को लेकर उन्होंने वरिष्ठ नेताओं से कोई भी बात नहीं की थी। वहीं लोजपा पार्टी के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने वीरवार को कहा कि रामेशवर चौरासिया कभी-भी पार्टी का पूरी तरह से हिस्सा नहीं थे। वह हमेशा से ही बीजेपी के साथ थे और उन्होंने अपने राजनीतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए पार्टी को छोड़ा है।
पार्टी से 200 कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं का दूसरी पार्टी में शामिल होना, यह साफ़ बताता है कि पार्टी के नेताओं को जो पासवान और लोजपा पार्टी में रहने से उम्मीद थी। वह पासवान पूरा नहीं कर पाए हैं। शायद इसलिए वरिष्ठ नेताओं ने भी पार्टी को संभालने की जगह, पार्टी को छोड़ना ही सबसे बेहतर समझा। अब इससे पार्टी पर और चिराग पासवान पर कितना असर पड़ेगा, यह जल्द ही पता चल जाएगा।
द्वारा लिखित -संध्या