31 मई 2002 को बुंदेलखंड में स्थानीय अखबार के रूप में शुरू हुआ खबर लहरिया का सफर आज बुंदेलखंड से लेकर पूरे देश के साथ-साथ विदेश में भी नाम कमा चुका है। जैसे-जैसे समय बदला खबर लहरिया ने अपनी जगह प्रिंट पत्रकारिता से हटकर डिजिटल दुनिया में भी बना ली। ग्रामीण भारत की कहानी और नारीवादी नज़रिये को देश के सामने रखने की ये पहल आज साढ़े 5 लाख से ऊपर ग्रामीणों की आवाज़ बन चुकी है।
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हाल ही में चंबल अकादमी से जुड़कर पत्रकारिता का कोर्स पूरा कर कुछ स्टूंडेंट्स अब खबर लहरिया में रिपोर्टिंग कर रहे हैं, जो आज खबर लहरिया के 20 साल पूरे होने के इस जश्न में पूरे भागीदार हैं।
आज 20 साल बीत गए और आपका प्यार और विश्वास खबर लहरिया के साथ हमेशा बढ़ता ही गया। खबर लहरिया की 20वीं वर्षगाँठ पर इस खूबसूरत सफर के लिए हमारे दर्शकों को ढेर सारा शुक्रिया।
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