जिला महोबा, ब्लाक जैतपुर, गांव मुढ़ारी इते बीमारी तजी से फ़ैल रई आदमी जाये डेगू और मौसमी बुखार मान रए। मुढ़ारी गांव में न तो सफाई की व्यवस्था हे न तो इन मौत के बारे में डॉक्टर द्वारा कोनऊ जांच भई। न तो मच्छर को कम करबे के लाने कोनऊ दवाई को छिरकाव भओ।
जगन्नाथ ने बताई के हमाय मोड़ी को बुखार चढ़ रओ तो सो हम बेलाताल ले गये फिर उते से महोबा ले गये चार पांच दिन भर्ती रई सब जांच करवाई उनने खून की पेसाब की फिर हम घरे लेयाय बाकी तबियत फिर ख़राब हो गई। रास्ता में उल्टी भई बेहोश हो गई बा तो सो झांसी लेयाय डॉक्टर ने बताई के जा के दिमाग में डेंगू को जहर फ़ैल गओ।
छेदी मुंशी ने बताई के हमाई नातिन हती बाकी तबियत ख़राब भई सो हमने दवाई करवाई एक दिन ठीक रई मोड़ी फिर सबेरे से उल्टी भई।
वहीद महोम्मद ने बताई के एक महीना से फ़ैल रई जे बीमारी अगर कबहु इमरजेंसी परत तो एम्बुलेंस आत और कोऊ नई आत।
संपत ने बताई हमाई मोड़ी ख़तम हो गई कछु नई बताओ महोबा ले गये झांसी ले गये। लेकिन बा बोल नई पाई बई हमाई सबसे बड़ी मोड़ी हे। हमाय ते पांच साल से कोनऊ दवाई को छिरकाव नई भओ जई से इते सबसे ज्यादा मलेरिया, पेचिस, चिकिनगुनिया, की बीमारी फ़ैल रई।
डॉक्टर पी के सिंह ने बताई के हमे जे मौत के बारे में कोनऊ जानकारी नईया। बीमारी फ़ैलबे को मेन कारण सफाई न होबे हे। लेकिन हमे टीम तीन महीना से घूम रई एक दिन एक गांव में जा के जांच करत। जे बीमारी अबे दस पंद्रह दिन से ज्यादा हो रई। जेसे हम लोग कैंप लगात तो दो ढाई सौ मरीज तो आराम से आ जात।
रिपोर्टर- श्यामकली
01/10/2016 को प्रकाशित