31 मई 2002 को बुंदेलखंड में स्थानीय अखबार के रूप में शुरू हुआ खबर लहरिया का सफर आज बुंदेलखंड से लेकर पूरे देश के साथ-साथ विदेश में भी नाम कमा चुका है। जैसे-जैसे समय बदला खबर लहरिया ने अपनी जगह प्रिंट पत्रकारिता से हटकर डिजिटल दुनिया में भी बना ली। ग्रामीण भारत की कहानी और नारीवादी नज़रिये को देश के सामने रखने की ये पहल आज 5 लाख से ऊपर ग्रामीणों की आवाज़ बन चुकी है। ग्रामीण महिला रिपोर्टरों की हमारी टीम का उद्देश्य सिर्फ अपने दर्शकों तक खबरें पहुंचाना नहीं बल्कि ग्रामीण भारत की सच्चाई पारदर्शिता के साथ दुनिया को दिखाना होता है। आज 19 साल बीत गए और आपका प्यार और विश्वास खबर लहरिया के साथ हमेशा बढ़ता ही गया। खबर लहरिया की १९वीं वर्षगाँठ पर इस खूबसूरत सफर के लिए हमारे दर्शकों को ढेर सारा शुक्रिया। हमारे इस सफर में आप यूं ही हमारा समर्थन करते रहिये ताकि खबर लहरिया ऐसे ही आगे भी पत्रकारिता के इस खूबसूरत सफर में सफलता की सीढ़ियां चढ़ता रहे।
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