यूपी के झांसी के सीपरी बाज़ार थाना क्षेत्र में पॉलीटेक्निक छात्रावास में 17 साल की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया है। जिसमे आठ छात्र शामिल है। आठों आरोपी छात्रा के कॉलेज परिसर से ही थे। जैसे ही मामले की खबर पुलिस को लगी, उन्होंने घटना के 24 घंटे के अंदर ही सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। साथ ही देर शाम को सभी आरोपियों को न्यायालय के सामने भी पेश कर दिया गया। पुलिस के अनुसार सभी आरोपियों की उम्र 19 से 24 साल के बीच की है। यह पूरा मामला सोमवार 11 अक्टूबर का है।
Jhansi: 17-year-old girl allegedly gang-raped at a hostel inside Government Polytechnic College yesterday. FIR registered. Probe underway. All accused arrested.
“Case will be tried in a fast-track court,” says Jhansi SSP. pic.twitter.com/wYwRIxMTjY
— ANI UP (@ANINewsUP) October 12, 2020
यह थी पूरी घटना
छात्रा रविवार दोपहर को अपनी स्कूटी पर अपने दोस्त से मिलने गयी थी। दोनों कॉलेज के पास के मैदान में बैठकर बात कर रहे थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक तभी कुछ लड़कों ने मिलकर दोनों को घेर लिया। अज्ञात लड़कों ने मिलकर पहले तो छात्रा के दोस्त की काफ़ी पिटाई की।
उसके बाद छात्रा को परिसर में ले जाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। इतना ही नहीं, यह सब करते हुए उन लड़कों ने छात्रा की वीडियो भी बनायी। इसके बाद वह छात्रा को वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल करने लगे कि अगर उसने शिकायत की तो वह वीडियो को इंटरनेट पर डाल देंगे। डरा-धमका कर, उन लड़कों ने छात्रा से दो हज़ार रुपयों की मांग भी की।
एसपी विवेक त्रिपाठी के अनुसार जब आरोपी लड़के छात्रा के दोस्त की पिटाई कर रहे थे, उस वक़्त वायरलेस विभाग का एक कांस्टेबल वहां से गुज़र रहा था। जब कांस्टेबल बचाने के लिए बीच में आया तो सभी आरोपी लड़के मौके से फरार हो गए। घटना के 15 मिनट के बाद ही पुलिस को मामले की सूचना दे दी गयी थी। मौके पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और छात्रावास के कमरे की जांच के दौरान उन्हें कमरे में सीमेन यानी वीर्य मिला, जिससे उन्हें इस बात की पुष्टि हो गयी कि छात्रा के साथ बलात्कार किया गया था। फिर भी मेडिकल तौर पर पुष्टि के लिए सीमेन को जांच के लिए भेज दिया गया है और रिपोर्ट का इंतज़ार है। फिलहाल, छात्रा पूरी तरह से सुरक्षित है।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ किया मुकदमा दर्ज़
जब घटना की जानकारी एसएसपी दिनेश कुमार पी को हुई तो उन्होंने कई टीमें बनाकर आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी के आदेश ज़ारी कर दिए। छात्रा ने अपने बयान में जिन लड़कों के नाम लिए थे , पुलिस ने उन सभी आरोपी लड़कों का कॉलेज से रिकॉर्ड निकलवाया और उनकी पहचान की। छात्रा द्वारा लड़कों की पहचान करने के बाद सभी छात्रों को पकड़ लिया गया। पुलिस ने पहले 10 से 15 पॉलीटेक्निक छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था लेकिन बाद में यह पता लगा की आरोपी सिर्फ आठ ही छात्र थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह हैं आरोपियों के नाम
पुलिस के अनुसार वारदात में छात्रा ने जिनकी पहचान की थी उनमें कुलपहाड़, महोबा का रोहित कुमार सैनी, निछानी कला थाना कबरई, महोबा का भरत कुमार कुशवाहा, निपाठकपुरवा थाना वजीरगंज, गोण्डा का शैलेन्द्र नाथ पाठक, खिल्लीवारी थाना टहरौली, झांसी का मयंक शिवहरे, तिवारीपुर थाना थरवई, प्रयागराज का विपिन तिवारी, रौनयापुरा रानीपुर थाना मऊरानीपुर का झांसी मोनू पार्या व धर्मेंन्द्र सेन और मोड़ारी कुलपहाड़ जनपद महोबा का संजय कुशवाहा शामिल हैं।
इन धाराओं के तहत किया गया है गिरफ़्तार
सामूहिक बलात्कार में शामिल आठों आरोपियों को धारा 376 डी (गैंगरेप), 120 बी (आपराधिक साजिश), 395 (डकैती), 386 (जबरन वसूली करना), धारा 323 (स्वेच्छा से आहत) और पोस्को एक्ट यानी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण अधिनियम धारा के अंतर्गत एफआईआर दर्ज़ की गयी है।
डीएम वामसी ने द इंडियन एक्सप्रेस 13 अक्टूबर की रिपोर्ट में बताया कि रविवार के दिन परिसर परीक्षा की वजह से खुला हुआ था। आठों आरोपियों के खिलाफ अभी-भी जांच ज़ारी है।
यूपी में हुआ यह कोई पहला सामूहिक बलात्कार का मामला नहीं है। बल्कि कुछ वक़्त से ऐसी कई और घटनाएं सामने आती रही हैं। यूपी के बलरामपुर में 22 साल की लड़की, आजमगढ़ में आठ साल की बच्ची,लखीमपुर खिरी में 13 और तीन साल की बच्ची और हाथरस में 19 साल की लड़की के साथ बलात्कार, सब झाँसी मामले से पहले के हैं।
यह सारे मामले पिछले महीने यानी सितम्बर के हैं। जो मीडिया की नज़रो में आये थे। लेकिन गाँवों और कस्बों में, जिनका हम नाम तक नहीं जानते, वहाँ हुई घटनाओं के बारे में हमे पता ही नहीं चलता क्यूंकि उन्हें बड़े ही आराम से समाज और समाज के शक्तिशाली लोगों द्वारा पहले ही दबा दिया जाता है।
नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार यूपी में हर दिन 11 बलात्कार के मामले सामने आते हैं। साथ ही यूपी को महिलाओं के रहने के लिए सबसे असुरक्षित राज्य भी माना गया है। पूरे भारत की बात की जाए तो हर 15 मिनट में एक बलात्कार होता है। ऐसे में समाज में सुरक्षा की बात करने वाले, सत्ताधारी लोग क्या कर रहे है? लगातार होती बलात्कार की वारदातों को लेकर पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार कितना काम कर रही है।
यह तो रोज़ बढ़ती घटनाओं से समझ आ ही जाता है। झाँसी मामलें में तो पुलिस ने फुर्ती दिखाते हुए आरोपियों को पकड़ लिया। लेकिन क्या पुलिस या प्रशासन इस बात का जवाब दे पायेगी , कि अगर वह बलात्कार के मामलों को लेकर काम कर रही है तो रोज़ के रोज़ उससे भी ज़्यादा बलात्कार के संघीन मामले राज्य में कैसे हो रहे हैं ? अगर प्रशासन कुछ कर रही है तो अपराधियों को दुष्कर्म करने से पहले डर क्यों नहीं लगता?
पिछले एक या दो महीनों में ही इतने सारे मामले सामने आये। आखिर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो महिलाओं की सुरक्षा की बात करते हैं, कहाँ गयी उनकी सुरक्षा, कायदे और नियम ? या सिर्फ सांत्वना देना, पीड़ित परिवार की कुछ आर्थिक मदद कर देना ही प्रशासन को काफ़ी लग रहा है ?