नई दिल्ली। 1 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले से दवाई बनाने की विदेशी कंपनी नोवार्टिस को बड़ा झटका लगा। स्विजरलैंड देश की इस कंपनी ने कैंसर रोग के इलाज के लिए एक नई दवा बनाई थी। भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण कंपनी को ये दवा वाजिब दामों में बेचनी पड़ेगी। अगर कंपनी केस जीत जाती तो सौ रुपए की एक गोली लगभग एक हज़ार रुपए की हो जाती।
कैंसर के रोगी अक्सर महीनों और कभी तो सालों बाद भी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो पाते। बहुत बार रोगी कैंसर का महंगा इलाज नहीं करवा पाते। 2001 में नोवार्टिस कंपनी ने कैंसर के इलाज के लिए ग्लीवेक नाम की दवा को बेचना शुरू किया। कैंसर रोगियों के लिए ये दवा बहुत ही महत्त्वपूर्ण थी। नोवार्टिस कंपनी ने ग्लीवेक को बनाने और बेचने का अधिकार खरीदा। इसका मतलब था कि कोई और दवा कंपनी ग्लीवेक का व्यापार नहीं कर सकती थी।
भारत आबादी के मामले में पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर है। इतनी आबादी वाले देश में दवाओं का कारोबार फायदेमंद है। नोवार्टिस ने ग्लीवेक को भारत में बेचना चाहा तो भारतीय कानून के कारण नोवार्टिस को पहला झटका 2005 में लगा। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि नोवार्टिस को ग्लीवेक बनाने के लिए भारत में पेटेंट नहीं दिया जाएगा। ग्लीवेक बनाने के मामले में भारतीय कंपनियां, जैसे सिप्ला और नैट्को, को दवा सस्ते में बनाने की इजाज़त मिल गयी। आज भी ये कंपनियां ग्लीवेक को नोवार्टिस के मुकाबले बहुत सस्ते में बनाती और बेचती हैं।
2013 में जब नोवार्टिस ने ग्लीवेक बनाने की प्रक्रिया में कुछ बदलाव किया तो कंपनी ने दोबारा अपनी खोज के लिए पेटेंट की मांग की। इस बार सीधे सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के खिलाफ फैसला सुनाया। कैंसर रोगियों के संगठन के लिए लड़ रहे वकील आनंद ग्रोवर ने कहा कि इस फैसले के कारण अब गरीब कैंसर रोगी भी दवा और इलाज करवा पायेंगे। नोवार्टिस कंपनी अगले नब्बे दिनों में इस फैसले को पलटने की मांग कर सकती है पर कंपनी भारतीय कोर्ट के इस निर्णय से बहुत निराश है।
पेटेंट क्या है?
पेटेंट एक ऐसा कानूनी अधिकार है जो किसी भी आविष्कार के लिए लागू होता है। दवा बनाने के नए तरीके के लिए पेटेंट, फसल उगाने के नए तरीके के लिए पेटेंट, यहां तक कि खाना बनाने के नए तरीके के लिए भी पेटेंट होता है। मान लीजिए किसी को एक खास किस्म की साड़ी बनाने का पेटेंट मिल जाए तो दूसरे लोग उस बनावट की साड़ी नहीं बना सकेंगे। ऐसा करना गैर कानूनी होगा।