बच्चों से रेप के मामले में सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने रिपोर्ट दाखिल की है. इसके मुताबिक देशभर में 2014 से 2017 तक हर साल POCSO के तहत लगभग 33000 केस दर्ज हुए. 2014 से 2018 के बीच इन केसों के निपटारे की दर 24 फीसदी रही. बाकी 76 फीसदी केसों में लंबित मामलों की दर पिछले पांच सालों में 1533 फीसदी यानी 15 गुना बढ़ गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा केसों का निपटारा करने वाले राज्यों में मिजोरम 52%, मध्य प्रदेश 36 % , सिक्किम 39 %, गोवा 31 % और असम 30 % हैं. राष्ट्रीय औसत 24 % से नीचे केसों के निपटारे में ओडिशा 12 %, महाराष्ट्र 14 % और दिल्ली 15 % हैं. इस रफ्तार से इन लंबित केसों के निपटारे में 6 साल लगेंगे.
देश में जज और केस अनुपात 1: 224 है.सबसे अच्छे अनुपात में छत्तीसगढ़ 1: 51, पंजाब 1: 51 और झारखंड 1: 82 हैं. सबसे बुरे राज्य केरल 1: 2211 (14 जिलों में तीन कोर्ट), यूपी 1: 592, महाराष्ट्र 1:555, तेलंगाना 1:492 और दिल्ली में 1:383 हैं |
ऐसी ही एक रेप की घटना 14 साल की लड़की के साथ ललितपुर के खितवांस गांव में हुई जिसमे बलात्कारीबांदा: घर वालो का आरोप, 6 साल की मासूम बच्ची के साथ हुआ बलात्कार और कोई नहीं बल्कि भगवान के समान पूजनीय गुरु ही था जिसने शौचालय में घटना को अंजाम दिया जब छोटी बच्ची शौच के लिए अकेले गई हुई थी |
बच्ची ने यह मामला डर की वजह से किसी को नही बताया और ज़हर खा लिया यकीन जब उसको डॉक्टर ने डांटा के क्यों उसने ऐसी आत्महत्या वाली हरकत की तब उसने पूरा मामला बताया कि उसके ही स्कूल में पढ़ने वाले कल्लू नाम के शिक्षक ने उसके साथ रेप किया|
बच्ची के पिता ने बताया कि बच्ची के पास एक चिठ्ठी मिली थी जो कल्लू मास्टर साहब ने लिखी थी |
,इसी वजह से बच्ची ये आत्महत्या करने के जैसा कदम उठाया ,उसकी माँ ने बोला ऐसे कैसे बेटी पढ़ेगी और बढ़ेगी जब स्कूल में ही राक्षस जैसे शिक्षक होंगे आज मेरी बेटी के साथ ऐसी घटना हुई है कल किसी और की लड़की के साथ ऐसी घटना हो सकती है |