खबर लहरिया Blog Heat stroke से महाराष्ट्र में 12 लोगों की मौत, जानें गर्मी से क्यों जा रही लोगों की जानें?

Heat stroke से महाराष्ट्र में 12 लोगों की मौत, जानें गर्मी से क्यों जा रही लोगों की जानें?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मौतों को “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” करार देते हुए पीड़ितों के परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की बात कही है। 

12 people died in Maharashtra due to heat stroke, know why people are dying due to heat?

                                             खारघर कार्यक्रम में मिलियन की संख्या में इकठ्ठा हुए लोग ( फोटो सांभर – इंडिया टीवी )

अत्याधिक गर्मी व ग्रीष्म हवाओं के प्रकोप के बारे में वैसे तो पहले ही चेतावनी दी जा चुकी थी। अब इस समय गर्मी के प्रकोप से लोगों की मौतें होने के मामले भी सामने आ रहे हैं। एनडीटीवी की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, नवी मुंबई में एक पुरस्कार समारोह में लू लगने/ हीट स्ट्रोक (heat stroke) के बाद इलाज करा रहे एक और मरीज की मौत हो गई। अधिकारियों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी जिसके बाद लू से मरने वालों की संख्या 12 हो गई है।

देर रात कल्याण के रहने वाले एक 55 वर्षीय व्यक्ति की गंभीर हालत में मौत हो गई। वाशी के एक सरकारी अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि दो और व्यक्ति अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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हीट स्ट्रोक (लू) से हुई लोगों की मौत

रविवार 17 अप्रैल को, महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खारघर इलाके में ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार समारोह में कम से कम 11 लोगों की लू लगने से मौत हो गई थी, जिसमें लाखों लोग शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम खुले क्षेत्र में कराया जा रहा था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता अप्पासाहेब धर्माधिकारी को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार प्रदान किए गए सरकारी कार्यक्रम में अनुमानित तौर पर 2 मिलियन लोगों ने भाग लिया था।

बता दें, अप्पासाहेब धर्माधिकारी के वृक्षारोपण अभियान, रक्तदान और चिकित्सा शिविरों के साथ-साथ आदिवासी क्षेत्रों में नशामुक्ति कार्यों की वजह से राज्य में इनके बड़े पैमाने पर अनुयायी हैं।

सीएम ने मुआवज़े का किया ऐलान

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मौतों को “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” करार देते हुए पीड़ितों के परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की बात कही।

 

हीट स्ट्रोक से शरीर पर पड़ने वाला असर

लू लगना या धूप लगना (heat stroke or sunstroke) उच्च तापमान और नमी के संपर्क में आने या उच्च तापमान में लंबे समय तक शारीरिक परिश्रम की वजह से शरीर ज़्यादा गर्म हो जाता है। रिपोर्ट्स कहती हैं कि हीट स्ट्रोक को एक मेडिकल इमरजेंसी माना जाता है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत होती है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार,”जब शरीर से पसीना नहीं आता तो इस वजह से वाष्पीकरण के दौरान शरीर की गर्मी नहीं निकल पाती है। इसका परिणाम यह होता है कि शरीर का तापमान बढ़ जाता है। वहीं जब शरीर ठंडा नहीं हो पाता है तो कुछ ही मिनटों में शरीर का तापमान 106 डिग्री फ़ारेनहाइट तक बढ़ सकता है। इससे गंभीर स्वास्थ्य की बीमारी व साथ ही मौत भी हो सकती है”- डॉक्टर ने कहा।

ज़्यादा गर्मी की वजह से थके हुए व्यक्ति को चक्कर, सिर दर्द, मतली, उल्टी, कम रक्तचाप और हृदय की गति में बढ़ोतरी आदि चीज़ें अनुभव करते हैं।

हीटस्ट्रोक से ऐसे बचें

– बचाव के लिए हमेशा खूब सारा पानी पीएं। प्यास न होने पर भी थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहिये। साथ ही अपने साथ हमेशा पानी की बोतल रखिये।
– अपने आपको कवर यानी ढक कर रखिये। हलके, ढीले, सूती व फीके रंग के कपड़े पहनिए।
– सनग्लास ( धूप का चश्मा) व टोपी या धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करें।

व्यक्तिगत तौर पर हर व्यक्ति को हीट स्ट्रोक से बचने के लिए स्वयं कार्य करने की ज़रूरत है ताकि हीट स्ट्रोक से होने वाले खतरों को कम किया जा सके।

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