राजस्थान में कोटा के जे के लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। अस्पताल में हुई 100 से ज्यादा बच्चों की मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इतने बच्चों की मौत आखिर क्यों हो रही है? बच्चों की मौत के पीछे कौन से कारण जिम्मेदार है?
ये सारे सवाल सबके मन में उठ रहे हैं। जेके लोन अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुरेश दुलारा ने बताया कि सभी बच्चों की मौत कम वजन के चलते हुई। वहीं, कुछ अन्य रिपोर्ट की माने तो बच्चों की कई अलग-अलग वजहों के कारण मौत हुई है। निमोनिया, सेप्टिसिमिया (संक्रमण के फोकस से जहरीले सूक्ष्मजीवों द्वारा खून का आक्रमण), सांस की तकलीफ जैसी वजहें हैं।
ये भी बताया जा रहा है कि कोटा के जे के लोन अस्पताल में 30 दिसंबर को 4 बच्चों और 31 दिसंबर को 5 बच्चों की मौत हो गई। तबसे बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है और अब तक में जो न्यूज आ रही है उससे पता चला है कि लगभग 104 बच्चों की मौत हो चुकी है। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि दिसंबर 2018 में इसी अस्पताल में 77 बच्चों की मौत हो गई थी। जिसका कारण जन्म के समय कम वजन के चलते हुई है।
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कोटा में नवजातों की मौत पर कहा, ‘हमें इन मौतों का दुख है। हमारी जिम्मेदारी बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की होती है। कई बच्चे काफी गंभीर अवस्था में लाए गए थे। अगर बीजेपी चाहती है इसका पता लगा सकती है। जो भी बच्चा बचाए जाने की स्थिति में था, उसे बचाया गया।’
Rajasthan Health Minister, Raghu Sharma on infant deaths in Kota: We are saddened by this, our responsibility is to give clinical support, several children were brought with critical ailments. BJP can audit if they want, we saved all the children who were in condition to be saved pic.twitter.com/iI1RHtt5H7
— ANI (@ANI) January 2, 2020
राजस्थान के कोटा में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद राज्य की अशोक गहलोत सरकार चौतरफा विरोध का सामना कर रही है। विपक्षी बीजेपी राज्य सरकार पर निशाना साध रही है। दूसरी तरफ सीएम गहलोत इस मुद्दे पर सियासत नहीं करने की अपील कर रहे हैं।
नैशनल कमिशन फॉर प्रॉटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ( NCPCR) ने अस्पताल का दौरा किया जिसमें पाया गया कि अस्पताल की खिड़कियों में शीशे नहीं हैं और दरवाजे टूटे हुए हैं जिसके कारण बच्चों को ठंड लग गई। और अस्पताल का रखरखाव भी सही नहीं है। अस्पताल में इतनी ज्यादा बच्चों के मौत पर बॉलीवुड से लेकर नेता विधायक तक अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और दुःख जता हैं की दिसम्बर 2019 से अब तक में 104 बच्चों की मौत कैसे हो सकती है? ये सरासर डॉक्टर की लापरवाही है।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके निंदा करते हुए कहा कि
https://twitter.com/BanarasiRocky/status/1212773809704460288
लगभग 104 मासूम बच्चों की मौत से मांओं का गोद उजड़ना कितना दुःखद और दर्दनाक है ये कोई उन मांओं से पूछे। एक दूसरे पार्टी पर निशाना साधने से बेहतर होगा कि जिन वजहों से बच्चों की मौत हो रही है उसका सुधार किया जाए। और विचार किया जाए कि आखिर लगातर इतने बच्चों की मौत क्यों हो रही है? जिस भी कारण से मौत हो रही हैं काफी दुखद और निंदनीय हैराजस्थान के कोटा में हो रही बच्चों की मौत पर क्या कहती हैं हमारी एडिटर
नवजात शिशुओं की मौत पर BJP ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- #Kota इतनी भी दूर नहीं कि सोनिया और राहुल गांधी वहां जा न सकें #Rajasthan https://t.co/XVqIJLUDxT
— AajTak (@aajtak) January 2, 2020