खबर लहरिया वेब स्पेशल होंडुरस बना पर्यावरण कार्यकर्ताओं की “हत्याओं का गढ़”

होंडुरस बना पर्यावरण कार्यकर्ताओं की “हत्याओं का गढ़”

Rio-Blanco
पर्यावण कार्यकर्ता बरता कथेरेस की हत्या के 12 दिन बाद, दूसरे कार्यकर्ता नेल्सन गार्सिया की गोली मार कर हत्या कर दी गई | नेल्सन लेंका आदिवासियों के लिए सामाजिक संगठन चलते थे | मंगलवार सुबह पुलिस ने लेंका आदिवासियों के घर और फसल को बुल डोज़र चला कर नष्ट कर दिया | जिसके बाद नेल्सन इन लोगों के बीच उनकी समस्याएं सुनने गए | लौटते वक्त चेहरे पर गोली मार कर इनकी हत्या कर दी गई |
नेल्सन होंडुरस देश के लोकप्रिय स्वदेशी संगठन  के दूसरे ऐसे सदस्य है जिनकी सामाजिक सारोकार रखने के कारण निर्मम हत्या कर दी गई | अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ग्लोबल विटनेस के सदस्य बील्ली कैट ने कहा, “होंडुरस और दुनिया भर में पर्यावरण कार्यकर्ता, जंगल और वातावरण की रक्षा करने के लिए दिन रात लड़ रहे है | जिसके लिए उन्हें डराया, धमकाया जाता है| उन्हें आतंकवादी करार दिया जाता है क्योंकि वह उनके द्वारा किये जा रहे “तथाकथित विकास” के आड़े आते हैं |
एक ग्लोबल रिपोर्ट के अनुसार प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने के लिए पर्यावरण कार्यकर्ता और ज़मीनी रक्षक जब कॉर्पोरेट कम्पनियों का विरोध करते है तब उनपर जानलेवा हमले होने की संभावनाएं बढ़ जाती है |
आंकड़े बताते हैं कि 2010 से 2014 के बीच होंडुरस में 101 पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हत्या हुई | वहीँ, 2014 में दुनिया भर के 116 पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हत्या की गयी |
ग्लोबल विटनेस के सदस्य क्रिस मोये के अनुसार, बड़े ज़मींदार, सरकार और अन्य कंपनियां जल जंगल और दुसरे प्राकृतिक संसाधनों का व्यापारिक लाभ लेना चाहती हैं वहीँ, आदिवासी समूह और अन्य स्थानीय समूह प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना चाहते है | लेकिन इन दोनों क्षेत्रों में कानूनन बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है |”
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लेख साभार: डाउन टू एअर्थ