इस साल जनवरी महीने में दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय में एक बार फिर तनाव का माहौल बन गया है।
इसी बीच जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार वहां पहुँच कर उनका मनोबल बढ़ाया।
छात्रों ने कुलपति पर शोधार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या का दोषी होने का आरोप लगाते हुए उनके आवास में ही बने दफ्तर में घुसकर तोड़फोड़ की और विश्वविद्यालय के इस शीर्ष अधिकारी को छह घंटों तक वहां बंधक बनाए रखा। इस दौरान उन्होंने पुलिस पर पथराव भी किया और कुछ मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया।
आखिर में पुलिस ने लाठीचार्ज कर छात्रों को वहां से हटाया। इस हंगामें में कई छात्रों और प्रोफेसर को चोटें भी आई।
हैदराबाद यूनीवर्सिटी छात्रसंघ के अध्यक्ष जुहैल केपी कहा, ‘हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। भवन के अंदर से कुछ छात्र जिनमें एबीवीपी से जुड़े छात्र भी शामिल थे हमें धकेलने की कोशिश कर रहे थे, इसी वजह से माहौल खराब हुआ।‘
उन्होंने कहा, ‘प्रोफेसर पोदिल ने कैंपस की शांति भंग कर दी है. हमारी पहली मांग अभी भी उनको पद से हटाना ही है. हमें लगता है कि वो न सिर्फ। सभी सबूत बल्कि कैंपस की शांति को भी खत्म कर देंगे।‘
इस बारे में प्रोफेसर का कहना है, ‘मैं कार्यकारी परिषद के साथ बैठक कर रहा था तभी शीशे का दरवाजा टूटने की आवाज सुनी। एक समय ऐसा लग रहा था जैसे वो हम पर हमला करने वाले हैं।‘
उन्होंने कहा, ‘बड़ी मुश्किल से कुछ प्राध्यापकों और प्रशासनिक कर्मचारियों ने उन्हें रोके रखा. पुलिस ने उनसे बात करने की कोशिश की और बड़ी मशक्कत से उन्हें वहां से हटा सकी।
इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी ने 28 मार्च तक के लिए सभी कक्षाएं निलंबित कर दी हैं, मुख्यद्वार को छोड़कर यूनिवर्सिटी के सभी दरवाजों को बंद कर दिया है, तथा शांति बनाए रखने के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की है।