खबर लहरिया औरतें काम पर हिम्मत कइके चलावत खर्चा

हिम्मत कइके चलावत खर्चा

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रंग बिरंगी चुडियां

जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, गांव बरवार। हिंया के सोना के मनसवा राजू का खतम भे दस बरस होइगा हवै। वहिके पांच   बच्चा हवैं। वा हिम्मत कइके बहुतै नींक काम करत हवै कि बच्चा अउर घर परिवार का खर्चा चल सकै।
हिंया के रहै वाली सोना का कहब हवै कि मोर पांच बिटिया हवै। मैं दलित जाति के मेहरिया आहूं । मोर कमाये वाला कउनौ नहीं आय। मोर मनसवा रहै वा भी खतम होइगा रहै तौ मैं बहुतै परेशान होइगे रहौ।
मैं अपने मन से सोच के चूड़ी के काम करैं लाग हौं  कि मोर खर्चा चली। या कारन मैं सतना से चूड़ी अउर समान लावत हौं। टोपरा मा लइके गांव-गांव जा के चूड़ी बेंचत हौं  अउर जबै से इनतान का काम करै लाग हौं। मैं पहिले घर का खर्चा फेर तीन बिटियन के पढ़ाई करावत हौं । अब मोर एक बिटिया नौ मा हवै दूसर बारह मा पढ़त हवै। अगर पढ़़ लेहैं तौ कउनौ न कउनौ काम कइ सकत हवैं। घर का खर्चा चली, पै गांव का मड़ई हमार घर का देख नहीं सकत आय। मैं तौ आपन हस बहुतै हिम्मत कीने हौं। नहीं मोहिका बहुतै सोच रहै कि पांच बिटिया हवै कसत रहब। अब तौ बहुतै नींक लागत हवै।
यहिनतान हिम्मती मेहरिया के दूसर खबर जिला चित्रकूट ,ब्लाक रामनगर, कस्बा राजापुर, खटकाना बस्ती के हवै। हिंया के रेखा बीस बरस से सब्जी बेंच के अपने बच्चन का पालत हवै। या कारन वा खुश हवै।
रेखा बताइस कि अगर सब्जी न बेंचै तौ भूखन रहै का परी। न तौ मोरे राशन कार्ड बना आय अउर न तौ कउनौ सरकारी योजना का लाभ मिलत आय। अपने हिम्मत अउर मेहनत से सब्जी बेंचत हौं। पहिले तौ डेर लागत रहे। पै अब डेर खतम होइगा हवै। यहिनतान सबै का हिम्मत से काम लें के जरुरत हवै।