अफगानिस्तान। भारत और पाकिस्तान के पास स्थित अफगानिस्तान देश के आपराधिक कानून प्रणाली में एक छोटे से बदलाव ने देश के पुरुषों को अपनी पत्नी, बच्चों और बहनों पर हाथ उठाने की छूट दे दी है।
4 फरवरी को देश में एक ऐसे कानून को लाने का प्रस्ताव रखा गया है जिसके तहत किसी भी आपराधिक मामले में आरोपी के परिवार वालों और रिश्तेदारों से वकील पूछताछ नहीं कर सकते हैं। इस कानून को खास महिलाओं पर होने वाली घरेलू हिंसा के मामलों में कारवाही करने में एक बड़ी बाधा माना जा रहा है। अफगानिस्तान में बाल विवाह और घरेलू हिंसा के कई मामले सामने आ चुके हैं और वहां के समाज में भी महिलाओं की आज़ादी सीमित है पर संसद के दोनों सभाओं ने इस कानून को पास कर दिया है।
मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं ने राष्ट्रपति हामिद करज़ई से अब मांग की है कि वे इस कानून को पास ना होने दें। कुछ ही हफ्तों में इस प्रस्ताव को उनकी मंज़ूरी के लिए भेजा जाएगा।