चित्रकूट जिला मा तीन सौ तीस ग्राम पंचायत हवै। अगर इं ग्राम पंचायत मा पानी के कमी का लइके के बात कीन जाये तौ गलत नहीं आय। अबै भी इनतान के गांव हवैं। जहां के रहै वाले मड़ई दस बरस से पानी खातिर तरसत हवै।
यहिका जियत जागत उदाहरण मऊ ब्लाक, गांव हर्दीकला के डीह पुरवा अउर रामनगर ब्लाक गांव ढढ़वार के छोटका मटियार मा हवै। इं गांवन का मड़ई पानी पियै खातिर पानी लें एक किलो मीटर जात हवै। यहिसे पता लागत हवै कि इनतान के कइयौ गंाव मा पियै खातिर पानी के समस्या अबै भी हवै। अगर हैण्डपम्प बिगड़ जात हवै तौ उनका बनवावा नहीं जात। या फेर एकौ हैण्डपम्प नहीं लाग रहत आय।
आखिर येत्ती गम्भीर समस्या काहे हवै? का यहिके जिम्मेदार प्रधान अउर सरकार के नहीं होत हवै। वहिका जनता या सोंच के जीतावत हवै कि हमार समस्यन का खतम करी न कि अउर ज्यादा समस्या बढ़ जइहैं। का प्रधान का चिंता नहीं रहत आय। यहिके जवाबदेही कउन देइ प्रधान या फेर सरकार? काहे से कि या बात का इंतजार गांवन के जनता का हमेशा रहत हवै। उंई उम्मीद भी राखत हवै कि हमार प्रधान तौ जरूर पानी के समस्या दूर करी? बिगड़े हैण्डपम्प बनवाई अउर नये हैण्डपम्प का रिबोर करवाई। यहै से प्रधान का भी अपने विश्वास का जनता के बीच बनाये राखै के जरूरत हवै।
हर समय पानी के जरूरत
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