02 मार्च 2014 के पूरे बिहार बंदी भेलई। जेई में जनता लोग के केतना परेशानी होलई। ऐई दिन सब जगह सनाटा ही सनाटा नजर अबई। ऐई बंदी से वाहन चालक, दुकानदार, मजदूर सब लोग के रोजी-रोटी पर काफी असर परलई।
ऐई तरह से बार-बार बंदी रहतई त जनता सब के कि हाल होतई। ऐई बंदी से नेता चाहे मंत्री लोग के कथी बिगड़तई। सब त जनता के रोजी-रोटी पर परई छई। जेईसे कि दुकानदार वाहन चालक अउर केतना लोग ट्रेन के इंतजार में समय बर्बाद भेलई। स्टेशन पर जे लोग के रूके के परलई ओई समय उ लोग के जेब से ही रूपईया खर्चा भेलई। जईसे खाना खाये के समय के अनुसार भाड़ा खर्चा दुगुना,तीनगुना लगलई। जहां-तहां स्टेशनों पर धंटो-धंटो ट्रेन रूकल रहई। ऐई सब से जनता के ही परेशानी भेलई। ऐई बंदी से लोग सबके फायदा के बदले नुकसाने पहुंचई छई।