16 साल की हर्षिता तोमर ने इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेमबांग में चल रहे एशियाई खेल 2018 में 4.7 ओपन लेजर सेलिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता कर वह सेलिंग में मेडल जीतने वाली देश की सबसे छोटी महिला सेलर बन गई।
यही नहीं, 16 साल की हर्षिता ने व्यक्तिगतग स्पर्धा में लड़कियों के साथ ही लड़कों को भी मात देकर इतिहास रचा है।
हर्षिता ने मात्र तीन साल की उम्र में होशंगाबाद के सेठानी घाट पर नर्मदा में पहली छलांग लगाई थी। इसके बाद कोच उमाशंकर व्यास से स्वीमिंग की शुरुआती ट्रेनिंग ली और जूनियर लेवल पर तीन-चार साल के भीतर ही दर्जनों मेडल जीते।
वर्ष 2012-13 में खेल विभाग की वाटर स्पोर्ट्स(पानी के खेल) एकेडमी से उनके सेलिंग का सफर शुरू हुआ। एकेडमी में प्रवेश पाने से पहले सेलिंग शब्द तक नहीं सुना था। एकेडमी में रहते हुए उन्होंने भोपाल की बड़ी झील में कोच जीएल यादव से इस खेल को सीखा और चार साल की छोटी अवधि में न केवल एशियाड तक का सफर तय किया, बल्कि मेडल भी जीता।
बता दें, सेलिंग(पानी में खेला जाने वाला खेल) वैसे तो हवा पर निर्भर खेल है। इसमें हवा की गति के मुताबिक कोर्स का आकार घटाया-बढ़ाया जाता है। हवा की रफ्तार तेज होने पर कोर्स बढ़ा दिया जाता है जबकि कम होने पर घटा दिया जाता है। इसमें 50 मिनट में रेस पूरी करनी होती है।
इसमें पहले रेस फिनिश करने वाले को 1 अंक मिलता है। दूसरे स्थान वाले को दो, तीसरे को तीन और इसी क्रम में आगे बढ़ते जाते हैं और सभी 12 रेस पूरी करने के बाद औसत निकाला जाता है। जिस सेलर के सबसे कम अंक होते हैं, वह विजेता बनता है।
मध्यप्रदेश सरकार ने मेडल जीतने पर हर्षिता को 50 लाख रुपए इनामी राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट़्वीट कर यह जानकारी दी।