जयपुर में 9 नवम्बर से शुरू हुए वैश्विक एग्रीटेक मीट में इस बार मुर्रा नस्ल के भैंसे ‘युवराज’ पर सबकी नजरें हैं। इससे पहले भी युवराज ने उत्तर भारत में कई मवेशी प्रदर्शनियों की शान बढ़ाई है। बता दें कि युवराज के मालिक ने उसे 7 करोड़ रुपये में भी बेचने से इनकार कर दिया था।
मुर्रा नस्ल दुनिया भर में भैंस की सबसे बढ़िया नस्ल मानी जाती है। यह मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब में पाए जाते हैं। हालांकि इस नस्ल की कुछ भैंसें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मिलती हैं।
युवराज की चर्चा तब हुई जब हरियाणा के कुरुक्षेत्र में रहने वाले उसके मालिक कर्मवीर ने उसे 7 करोड़ रुपये में बेचने से भी मना कर दिया। इसके पीछे वजह यह थी कि युवराज का वीर्य बेचकर और मवेशी शो में हिस्सा लेकर कर्मवीर हर साल 50 लाख रुपये की कमाई करते हैं।
मुर्रा नस्ल के सबसे बेहतरीन भैंसों में से एक युवराज ने अब तक 17 राष्ट्रिय पुरूस्कार जीते हैं। इतना ही नहीं युवराज के वीर्य से अब तक डेढ़ लाख बछड़े पैदा हो चुके हैं। बताया जाता है कि युवराज की मां भी एक दिन में 25 लीटर दूध दिया करती थी।
युवराज के मालिक कर्मवीर के अनुसार, युवराज से एक दिन में 3.5 मिलीलीटर से 5 मिलीलीटर तक उच्चतम श्रेणी का वीर्य उपलब्ध होता है। 0.25 मिलीलीटर वीर्य की कीमत तकरीबन 1500 रुपये होती है। युवराज 14 फुट लंबा और 6 फुट ऊंचा है। वह एक दिन में 20 लीटर दूध पीता है, 5 किलोग्राम सेब खाता है और 15 किलोग्राम पशु आहार खाता है। हर दिन वर्जिश के लिए युवराज 4 किलोमीटर घूमता भी है।
इस भैंसे को खरीदने के लिए एक किसान ने 7 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था। इसी तरह दक्षिण अफ्रीका से आये 9 करोड़ रुपये के मौके को भी कर्मवीर ने ठुकरा दिया था।
हरियाणा का भैंसा ‘युवराज’ जिसे पाने के लिए करोड़ों देना चाहते हैं लोग
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