सब के मन को खुश कर दो बादल, ओ प्यारे कारे कजरारे बादल।
आओ नभ में छा जाओ, छन-छन पानी बरसाओ।
उमड़ धुमड़कर गरज-गरज कर, चम-चम-चम बिजली चमकाओ
बच्चों का मन हरषाओ बादल, सबके मन को खुश कर जाओ बादल।
ओ बादल न कर नादानी, बुला रही है
धरती रानी
मेरी चुनरी रंग दो धानी, भीग जाये घर छप्पर छानी।
धन्य धान्य से भर दो धरती
नदी नारे सब भर दो बादल, सब के मन को खुश कर दो बादल।
नाम-अभिषेक चैरसिया
कक्षा-6