जि़ला फैज़ाबाद ब्लाॅक तारून ग्रामसभा करनाईपुर और मुंगीसपुर। यहां पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बिना लड़कियों को बताए नाम रजिस्टर में दर्ज कर लिया है। किषोरियों को कुछ भी नहीं मिलता। जिनका नाम लिखा है उन्हें आज तक नहीं पता है।
प्राथमिक विद्यालय तारून की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दयावती वर्मा ने बताया, ‘‘तीन लड़कियों का चयन किया जाता है उनको पंजीरी दी जा रही है। हमने अपनी लड़की सविता, तारून की ममता और गोदवा की स्वाति को चुना है। जिनको जानकारी देकर पंजीरी हर शनिवार दी जा रही है।’’
ममता ने बताया, ‘‘कभी कुछ नहीं बताया गया और न ही हमें ये जानकारी है। हम अपने भतीजे के लिए पंजीरी लेने जाते हैं तो हमारी दस्तखत करवाती हैं। किषोरी टीका आज तक नहीं लगा है।’’ बड़ी बहन गुडि़या ने बताया, ‘‘हम चाहते हैं कि हमको स्वास्थ्य के बारे में बताया जाए। सुविधा मिले लेकिन कुछ नहीं बताया जाता।’’ स्वाती और उनके पिता सूर्यभान ने बताया, ‘‘हमारे घर में किसी को नहीं पता कि किषोरी आंगनबाड़ी को ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर गरीबों, कमज़ोरों के लिए सुविधा आती है तो उन्हें मिलनी चाहिए। हमारी बेटी को उन्होंने चुना है तो बताना चाहिए था।
मुंगीसपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कान्ती यादव और सहायिका कमला यादव ने बताया, ‘‘जो लड़कियां चुनी जाती हैं उनकी उम्र ग्यारह साल से अट्ठारह साल होनी चाहिए। जो स्कूल न जाती हों, गरीब घर की हों। ऐसी लड़कियों को चुना जाता है।’’ इनका कहना है कि प्रतिमा चैदह साल, रोषनी तेरह साल और रेषमा बारह साल को चुना है। लेकिन उनको जानकारी नहीं है। तीन महीने हो गए चुने, लड़कियां पंजीरी भी नहीं ले जातीं। कान्ती यादव का कहना है, ‘‘हम लड़कियों को जानकारी दें देंगे। और उन्हें पंजीरी भी देंगे।’’
पूरा बाज़ार ग्रामसभा पाराखान दर्षननगर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लीलावती ने बताया, ‘‘तीन किषोरियां हैं। लेकिन पंजीरी लेने नहीं आती हैं।’’ चुनी गई लड़कियों ममता और राधिका ने बताया, ‘‘हम लोगों को कभी कभी मिलती है।’’ पाराखान की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भागेष्वरी ने बताया, ‘‘हम हर बार तीन किषोरियों को पंजीरी देते हैं।’’
तारुन ब्लाॅक की सीडीपीओ रेनू जायसवाल ने बताया, ‘‘हर छह महीने मे किषोरियां बदली जाती हैं उनको पोषक आहार और समय समय पर जानकारियां दी जाती हैं। किषोरी जो स्कूल न जाती हो उसका चयन किया जाता है। अगर किसी आंगनबाड़ी ने बिना बताए नाम नोट किया है तो मंै जांच कराकर कार्यवाही करुंगी।’’
हज़म की जा रही किषोरियों की सुविधा
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