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हंसी की लडि़यां

मोहन पटना जाने के लिए रेल गाड़ी में सवार था। गाड़ी कोलकाता तक जा रही थी। रास्ते में गया नाम का स्टेशन आया। मोहन टहलने के लिए गाड़ी से नीचे उतरा। जिस डब्बे में मोहन था, वो गाड़ी का आखरी डब्बा था। पटना जाने वाला यह डब्बा दूसरी गाड़ी में लगाया गया। लेकिन मोहन को यह पता नहीं चला। कोलकाता की रेल चल पड़ी। मोहन इसके आखरी डब्बे में बैठ गया। डब्बे में एक सज्जन ऊपर लेटे थे। मोहन ने उनसे पूछा – कहिए साहब, कहां जा रहे हैं? जवाब मिला- जहां गाड़ी जा रही है, वहीं – यानी, कोलकाता जा रहा हूं। यह सुनते ही मोहन बोला – वाह! नई तकनीक का कमाल देखो – ऊपर की सीट कोलकाता जा रही है, नीचे की सीट पटना!

एक शराबी इलाज करवाने डाक्टर के पास आया।
अच्छी तरह जांच कर डाक्टर शराबी से बोला – मैं आपकी बीमारी समझ नहीं पा रहा हूं। शायद यह शराब की वजह से है।
डाक्टर की बात सुन शराबी बोला – कोई बात नहीं डाक्टर साहब। मैं आपका नशा उतरने के बाद आ जाऊंगा।