स्वास्थ्य बजट के अनुसार 50 करोड़ गरीब परिवारों को स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। इस घोषणा से राज्यों को राहत मिली लेकिन वहीं इससे जुड़े सवाल भी उठे कि इसमें राज्य सरकारों और केंद्र सरकार की कितने प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) या मोदीकेयर के अंतर्गत आने वाले घरों को 5 लाख का बीमा सुरक्षा दिया जाएगा।
बीमा में 433 रुपए राज्य सरकारें देगी जबकि बाकी की बची हुई राशि केंद्र देगा। इस बीमा में प्रति व्यक्ति प्रति परिवार के हिसाब से सालाना 1,082 रुपए का प्रीमियम भरा जाएगा।
एक अंग्रेजी अख़बार के अनुसार, यह अनुमान इस धारणा पर आधारित हैं कि इससे 10 करोड़ परिवार एक बार में ही लाभान्वित होंगे। राज्य के शेयर को देखा जाए तो 10 करोड़ परिवार के हिसाब से उनपर 4,330 करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
नीति आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से इस मामले में विचार–विमर्श करना शुरू कर दिया है।
सूत्रों का कहना है कि एनएचपीएस गणना राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के डाटा पर आधारित हैं। फिलहाल राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लगभग 3.8 करोड़ लोग लाभार्थी हैं जिनपर सरकारें प्रति परिवार के हिसाब से 500 रुपए खर्च करती है।