जिला सीतामढ़ी। स्वास्थ्य केन्द्र लोगों को स्वास्थ्य रखने के लिए जगह-जगह पर खोला जाता हैं। लेकिन अभी स्वास्थ्य विभाग में देखने को मिलता है कि कर्मी कम रहने के कारण ग्रामीण स्तर का केन्द्र कभी खुलता है कभी बन्द ही रहता है। जैसे गांव बंसन्तपुर में उप केन्द्र लगभग बीसों साल पहले बना लेकिन लोगों को इसकी सुविधा नहीं मिल रही हैं।
वहां के अरूण कुमार सिन्हा, राजमंगल राम का कहना है कि पहले इस केन्द्र पर कर्मी रहते थे केन्द्र भी हर दिन खुलता था लेकिन अब तो लगभग पांच साल से षायद ही कभी केन्द्र खुलता हैं। किसी भी आदमी को इलाज के लिए रीगा या सीतामढ़ी जाना परता है। यही हाल बथनाहा प्रखण्ड के टन्डसपुर उप केन्द्र का भी है। वहां के विष्वनाथ प्रसाद का कहना है कि बच्चा और डीलेवरी पेसेन्ट को टीका करण आंगनवारी केन्द्र पर लेते हैं।
रीगा प्रथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के बुनियादी स्वास्थ्य निरिक्षक राजु रमन का कहना है कि बंसतपुर पकरी में तीन कर्मी थे वह लोग रिटायर कर गये है। अभी अनुबंध पर एक ए एन एम है। उनका भी कभी आंगनवारी केन्द्र पर डिउटी रहता है तो कभी बी एल ओ के काम लगी रहती है। सरकार स्वास्थ्य कर्मी बहाल नहीं कर रहीं हैं। जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग का हाल बेहाल बन गया है। जिला चिकित्सा पदाधिकारी डाॅक्टर दयानन्द मल्लिक का कहना है कि 1990 में सरकार डाॅक्टर बहाल किये थे उसके बाद अभी तक बहाली नहीं किये है। जिस कारण जिला में एक सौ सतर डाॅक्टर की जगह चालीस डाॅक्टर पर काम चल रहा है।